आसान नहीं होगा नियोजन और परीक्षाओं को रोकना
रांची : नियोजन नीति को लेकर कमेटी ने इसके प्रभावी होने तक तमाम परीक्षा और नियुक्तियों को स्थगित करने की अनुशंसा तो कर दी है लेकिन सरकार के इन अनुशंसाओं को धरातल पर उतारना आसान नहीं दिख रहा। एक ओर जहां केंद्र और राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में रोजगार मुहैया कराना शामिल है, वहीं समिति ने तत्काल प्रभाव से रोजगार के लिए चल रही प्रक्रियाओं पर रोक लगाने की अनुशंसा की है। इससे इस वर्ष सैकड़ों रोजगार के अवसर लंबित हो सकते हैं।
रांची : नियोजन नीति को लेकर कमेटी ने इसके प्रभावी होने तक तमाम परीक्षा और नियुक्तियों को स्थगित करने की अनुशंसा तो कर दी है लेकिन सरकार के इन अनुशंसाओं को धरातल पर उतारना आसान नहीं दिख रहा। एक ओर जहां केंद्र और राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में रोजगार मुहैया कराना शामिल है, वहीं समिति ने तत्काल प्रभाव से रोजगार के लिए चल रही प्रक्रियाओं पर रोक लगाने की अनुशंसा की है। इससे इस वर्ष सैकड़ों रोजगार के अवसर लंबित हो सकते हैं। हालांकि, शीघ्र ही मामला कैबिनेट में फैसले के लिए आएगा। समझा जा रहा है कि राज्य कैबिनेट इसी महीने इस मुद्दे पर फैसला लेगा।
राज्य में स्थानीय लोगों को जिलास्तरीय नौकरियों में पूर्ण आरक्षण की पैरोकारी करती अनुशंसाओं को भी कुछ विधि विशेषज्ञ अनुचित मान रहे हैं। इस प्रकार रोजगार के मौलिक अधिकार का हनन का मामला बन सकता है। इसी प्रकार नियोजन के लिए अधिकतम उम्र 45 वर्ष किए जाने को लेकर भी विरोध हुआ था। देखना है कि इस प्रस्ताव को किस तरह से कैबिनेट में पास किया जाता है। कैबिनेट से पहले विधि विभाग से भी इस मामले में मंतव्य मांगा गया है। विधि विभाग के मंतव्य के साथ ही मामला आगे बढ़ेगा अथवा आवश्यक संशोधन होंगे। इस मामले में विभागीय मंत्री स्वयं मुख्यमंत्री रघुवर दास हैं और माना जा रहा है कि तमाम अनुशंसाओं के प्रति विभाग की हामी है। कैबिनेट में फैसला होने के बाद इसके लिए नियमावली बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
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क्या थी कमेटी की अनुशंसाएं :
-सभी जिलों में तृतीय तथा चतुर्थवर्गीय पदों पर जिले के स्थानीय निवासी को ही अगले 10 वर्षो तक नियोजन मिले।
-झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जानेवाली विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के संदर्भ में आरक्षण के प्रावधान परीक्षा के किस चरण में से प्रभावी किए जाएंगे, इसका स्पष्ट उल्लेख हो।
-राज्य सरकार के अधीन की जानेवाली सभी नियुक्तियों में स्थानीय निवासियों (महिलाओं सहित) के लिए अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष निर्धारित की जाए।
-राज्य सरकार के अधीन नियुक्ति के लिए सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं में आरक्षण का लाभ केवल उन्हीं को प्रदान किया जाए जिनका नाम खतियान में दर्ज है।
-अंतिम निर्णय लिए जाने तक वैसी नियुक्तियां जिनकी प्रक्रिया प्रारंभिक स्तर (विज्ञापन आदि) पर हैं तथा जिनकी परीक्षाएं अभी तक नहीं हुई हैं, को स्थगित रखा जाए।
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