Jharkhand Sports: अभ्यास के दौरान उभरते जिमनास्ट शुभम के गले में लगी चोट, इलाज के दौरान मौत
Jharkhand Sports अभ्यास के दौरान चोट लगने से प्रतिभावान जिमनास्ट 18 वर्षीय शुभम कुमार की मौत हो गई। शुभम राज्य सरकार द्वारा संचालित डे बोर्डिंग का प्रशिक्षु था। कुछ दिन पूर्व अभ्यास के क्रम में उसे गर्दन में चोट आ गई थी। उसे रिम्स में भर्ती कराया गया था।
रांची, जासं। अभ्यास के दौरान चोट लगने से प्रतिभावान जिमनास्ट 18 वर्षीय शुभम कुमार की मौत हो गई। शुभम राज्य सरकार द्वारा संचालित डे बोर्डिंग का प्रशिक्षु था। कुछ दिन पूर्व अभ्यास के क्रम में उसे गर्दन में चोट आ गई थी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उसे रिम्स में भर्ती कराया गया था। न्यूरो सर्जन डा.अनिल कुमार की देखरेख में उसका इलाज चल रहा था। डा. अनिल ने बताया कि गर्दन में चोट लगने से वहां की नसें क्षतिग्रस्त हो गई थीं। उसे ऑबर्जवेशन में रखा गया था। स्थिति स्थिर होने पर उसका आपरेशन किया जाता, लेकिन सोमवार की रात उसकी मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि अभ्यास के दौरान वहां प्रशिक्षक नहीं था। सेंटर में 30 प्रशिक्षु हैं, जो कोच विनय क्षेत्री व फरजाना की देखरेख में अभ्यास करते हैं। चोट लगने के समय वहां कोच था या नहीं, कला-संस्कृति एवं खेलकूद विभाग के अनुसार यह जांच का विषय है। हालांकि, चोट लगने के बाद कोच विनय क्षेत्री ने खेल विभाग जाकर शुभम के लिए मदद की गुहार लगाई थी। इसके बाद खेल निदेशक जीशान कमर ने जिला खेल पदाधिकारी उपवन बारा को रिम्स भेज कर इस संबंध में पूरी जानकारी लेने को कहा था। यह भी कहा था कि उसकी इलाज में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। जरूरत पडऩे उसे बाहर ले जाने की भी बात कही थी।
युवा खिलाड़ी के निधन से विभाग दुखी है। हमलोग उसकी चिकित्सा में जुटे डाक्टर के संपर्क में थे। हमें बताया गया था कि दो-तीन दिन में आपरेशन किया जाएगा। सरकारी प्रविधान के तहत जो भी हो सकेगा शुभम के परिवार वालों के लिए किया जाएगा।
जीशान कमर, खेल निदेशक, झारखंड
शुभम के आकस्मिक निधन से विभाग शोकग्रस्त है। शोक की इस घड़ी में विभाग उसके परिवार के साथ है। इस संबंध में विभाग जांच करेगा।
उमा जायसवाल, राज्य खेल समन्वयक, झारखंड
शुभम जैसे उभरते खिलाड़ी की मौत अभ्यास के दौरान चोट लगने से होना काफी दुखद है। झारखंड जिमनास्टिक संघ इस बात का पता लगा रहा है कि अभ्यास के दौरान वहां कोच क्यों नहीं था। संघ ने इस घटना को काफी गंभीरता से लिया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा नहीं हो।
निशिकांत पाठक, सचिव, झारखंड जिमनास्टिक संघ