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डॉक्टरों की हड़ताल में भी आपात चिकित्‍सा होगी उपलब्‍ध, मानवाधिकार आयोग ने सरकार काे दिया निर्देश

Jharkhand. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव को इस संबंध में निर्देश दिया है। बीते दिनों डॉक्टरों की हड़ताल से एक बच्चे की मौत हो गई थी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 08:11 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jan 2020 08:11 PM (IST)
डॉक्टरों की हड़ताल में भी आपात चिकित्‍सा होगी उपलब्‍ध, मानवाधिकार आयोग ने सरकार काे दिया निर्देश
डॉक्टरों की हड़ताल में भी आपात चिकित्‍सा होगी उपलब्‍ध, मानवाधिकार आयोग ने सरकार काे दिया निर्देश

रांची, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि डॉक्टरों या पारा मेडिकल कर्मियों की किसी भी हड़ताल से आपात चिकित्सा सेवा प्रभावित न हो। मरीजों को ऐसी स्थिति में आपात चिकित्सा सुविधा हर हाल में उपलब्ध हो। आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को इसे सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। दरअसल, वर्ष 2015 में धनबाद के पाटलीपुत्र मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल होने के कारण एक बच्चे की मौत हो गई थी।

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यह मामला सामने आने के बाद आयोग ने न केवल इसे गंभीरता से लिया, बल्कि पीडि़त परिजनों को दो लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया था। इससे पहले, आयोग के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जांच धनबाद के सिविल सर्जन तथा उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के क्षेत्रीय उपनिदेशक से कराई थी, जिसमें यह बात सामने आई थी कि हड़ताल के कारण बच्चे का पीएमसीएच में इलाज नहीं हो सका।

इधर, आयोग द्वारा राज्य के मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि धनबाद के उपायुक्त ने पीडि़त परिवार को मुआवजा देने की रिपोर्ट तो दी है, लेकिन राज्य सरकार के स्तर से इस नोटिस पर कोई जवाब नहीं मिला जिसमें कहा गया था कि हड़ताल में भी अस्पतालों में अनिवार्य रूप से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।

आयोग के निर्देश के अनुपालन का आदेश

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखे जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग एक्शन में आया है। विभाग के संयुक्त सचिव मनोज कुमार सिन्हा ने निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं, रिम्स सहित तमाम मेडिकल कॉलेज सह अस्पतालों, सभी क्षेत्रीय उपनिदेशकों, सिविल सर्जनों को पत्र भेजकर आयोग के निर्देश के आलोक में हड़ताल में हर हाल में आपात चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

जूनियर डॉक्टर बार-बार जाते हैं हड़ताल पर

राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स), रांची सहित एमजीएम, जमशेदपुर तथा पीएमसीएच, धनबाद के जूनियर डॉक्टर विभिन्न कारणों से बार-बार हड़ताल पर चले जाते हैं। इससे अस्पतालों में आपात चिकित्सा भी प्रभावित हो जाती है।


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