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एकलव्य सी बेटियां, स्वर्ण से भर रही झोलियां

तीरंदाजी की जन्मजात महारत लिये झारखंड की आदिवासी बेटियों ने खेलो इंडिया में जलवा दिखा रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 03:02 AM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 06:15 AM (IST)
एकलव्य सी बेटियां, स्वर्ण से भर रही झोलियां
एकलव्य सी बेटियां, स्वर्ण से भर रही झोलियां

जागरण संवाददाता, रांची :

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तीरंदाजी की जन्मजात महारत लिये झारखंड की आदिवासी बेटियों ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में भी अपना दबदबा कायम रखा है। हाल ही में रांची के होटवार में शुरू हुए एकलव्य तीरंदाजी केंद्र की प्रशिक्षु तीरंदाज स्पर्धाओं में भी एकलव्य सी महारत दिखा रही हैं। भुवनेश्वर (ओडिशा) में चल रहे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में सुमन पूर्ति व अंजलि ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पर निशाना साधा। दोनों तीरंदाज एकलव्य तीरंदाजी केंद्र सेंटर ऑफ एक्सेलेंस होटवार की प्रशिक्षु है। दोनों तीरंदाजों ने यूनिवर्सिटी गेम्स में कोल्हान विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करते हुए यह उपलब्धि हासिल की। एकलव्य सेंटर में दोनों प्रशिक्षक करण कर्मकार की देखरेख में प्रशिक्षण ले रही हैं।

सुमन व अंजलि ने बुधवार को कोल्हान विश्वविद्यालय तीरंदाजी टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए रिकर्व टीम स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन किया और स्वर्ण पदक जीता। कोल्हान यूनिवर्सिटी रिकर्व महिला टीम का फाइनल मुकाबला संत बाबा गड़के यूनिवर्सिटी अमरावती के साथ था। फाइनल मुकाबले में सुमन व अंजलि के दम पर कोल्हान यूनिवर्सिटी टीम ने एकतरफा मुकाबले में 6-0 से पराजित किया। टीम में सुमन पूर्ति, अंजलि गोंड, कोमोलिका बारी और बसंती कुमारी शामिल थी।

सुमन और अंजलि के स्वर्ण पदक जीतने पर खेल सचिव राहुल शर्मा, खेल निदेशक अनिल कुमार सिंह, खेल समन्वयक उमा जायसवाल, खेल परामर्शी देवेंद्र कुमार सिंह, एकलव्य तीरंदाजी केंद्र के कोच करण कुमार कर्मकार, डी साइश्वरी ने बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। ----------- लक्ष्य के संधान में गरीबी को नहीं बनने दिया रोड़ा

यूनिवर्सिटी गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली सुमन पूर्ति के जोश व जुनून के आगे आर्थिक तंगी कभी राह में रोड़ा नहीं बन पाई। निम्न वर्ग परिवार से आई सुमन का जीवन आर्थिक तंगी में बीता। बहन पेट्रोल पंप में काम करती है और उसकी आमदनी से ही घर का खर्च चलता है। सुमन का निशाना शुरू से ही अचूक था। गांव में वह पत्थर मार कर आम तोड़ देती थी। उसकी इस प्रतिभा को एक वर्ष पूर्व चाईबासा स्थित टूरटूंग तीरंदाजी सेंटर से कोच महाऋषि महेंद्र सिंकू ने पहचाना और उसे अपने सेंटर से जोड़ लिया। वहां लगभग छह माह प्रशिक्षण लेने के बाद सुमन की प्रतिभा में और निखार आया, लेकिन सेंटर में पर्याप्त संसाधन नहीं होने के कारण उसकी प्रतिभा पूरी तरह निखर नहीं पा रही थी।

इसके बाद कोच महेंद्र सिंकू के कहने पर उसने झारखंड सरकार द्वारा संचालित एकलव्य तीरंदाजी केंद्र के लिए चयन शिविर में भाग लिया। उसकी प्रतिभा ने यहां रंग दिखाया और उसका चयन सेंटर के लिए हो गया। इसके बाद उसका परिश्रम, कोच करण कर्मकार का मार्गदर्शन व सरकार द्वारा मिली सुविधाओं ने उसके मार्ग प्रशस्त कर दिए। सुमन इससे पहले 11 फरवरी से 13 फरवरी 2020 में सोनीपत हरियाणा में आयोजित ओपेन एशिया कप सेलेक्शन ट्रॉयल में हिस्सा लिया और बेहतर प्रदर्शन किया। सुमन व अंजलि के उपलब्धि पर कोच करण कुमार कर्मकार ने कहा कि दोनों काफी मेहनती है और मुझे उम्मीद है कि आने समय में सुमन व अंजलि के साथ-साथ एकलव्य केंद्र के खिलाड़ी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करेंगी।


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