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Chaitra Navratri 2019: शनिवार से वासंतिक नवरात्र, आठ दिनों में पूरे होंगे अनुष्‍ठान

Chaitra Navratri 2019. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि शुक्रवार को दिवा 138 बजे से लगकर शनिवार छह अप्रैल को दिवा 236 बजे तक रहेगी। आठ दिनों में नवरात्र के अनुष्ठान पूरे होंगे।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 10:51 AM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2019 05:23 PM (IST)
Chaitra Navratri 2019: शनिवार से वासंतिक नवरात्र, आठ दिनों में पूरे होंगे अनुष्‍ठान
Chaitra Navratri 2019: शनिवार से वासंतिक नवरात्र, आठ दिनों में पूरे होंगे अनुष्‍ठान

रांची। Chaitra Navratri 2019 - वासंतिक नवरात्र शनिवार से शुरू हो रहा है। प्रत्येक वर्ष में मुख्यत: दो नवरात्र होते हैं, जिनमें पहला वासंतिक नवरात्र एवं दूसरा शारदीय नवरात्र कहलाता है। चैत्र शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक के काल को वासंतिक नवरात्र कहते हैं। धर्म शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार नवरात्र का पवित्र काल पूजा पाठ के साथ धार्मिक अनुष्ठानों, मंत्र-यंत्र व तंत्र सिद्धि के लिए सर्वाधिक उपयुक्त व सिद्धिप्रद काल माना गया है। मां भगवती की कृपा प्राप्ति के लिए भक्त या साधक गण नवरात्र में कलश स्थापन कर माता की आराधना के क्रम में दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं।

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श्रीराम भक्त इस सिद्धि प्रदायक काल में श्रीरामचरित मानस का नवाह्नï पाठ करके श्रीरामजी की कृपा प्राप्ति व मनोभिलषित फलप्राप्ति के लिए प्रयास करते हैं। भक्ति, श्रद्धा और पवित्र मन से की गई आराधना अभिष्ट फलदायी होती है। हमारे हिंदू नव वर्ष अर्थातï विक्रम संवत का प्रारंभ भी वासंतिक नवरात्र के प्रथम दिन से ही होता है। इसी दिन ब्रह्माजी ने इस सृष्टि की रचना की थी।          

दिनभर कर सकते हैं कलश स्थापना
वासंतिक नवरात्र शनिवार छह अप्रैल से प्रारंभ हो रहा है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि शुक्रवार को दिवा 1:38 बजे से लगकर शनिवार छह अप्रैल को दिवा 2:36 बजे तक रहेगी। कलश स्थापन दिनभर किया जा सकता है। कलश स्थापन के लिए सर्वोत्तम प्रात: सूर्योदय उपरांत से दिन के 9:45 बजे तक। अभिजित मुहूर्त दिन में 11:35 बजे से 12:24 बजे तक है। शनिवार 13 अप्रैल को अष्टमी तिथि दिन में 8:16 बजे तक उपरांत नवमी तिथि लगेगी।

शास्त्रानुसार महाष्टïमी, महानवमी एवं श्रीराम नवमी व्रत 13 अप्रैल शनिवार को ही किया जाएगा। शनिवार 13 अप्रैल को ही दिन में 8:16 बजे के उपरांत नवमी तिथि में नवरात्र पाठ के उपरांत हवन, पूर्णाहुति एवं महावीरी ध्वजारोपण आदि धर्म कार्य किए जाएंगे। इसी दिन मध्याह्नï काल में श्रीराम जन्म महोत्सव भी मनाया जाएगा। हवन एवं पूर्णाहुति के बाद नवरात्र व्रत का पारण नवमी तिथि में ही करना शास्त्रोचित रहेगा।

दूसरे दिन रविवार 14 अप्रैल को नवमी तिथि प्रात: छह बजे तक उपरांत दशमी तिथि लग जाएगी। इस प्रकार इस नवरात्र में तिथि हानि न होते हुए भी नवरात्र के कार्यक्रम आठ दिनों में ही पूरे किए जाएंगे। अन्य मत से नवरात्र व्रत का पारण दशमी तिथि में रविवार14 अप्रैल को करना भी शास्त्र सम्मत है।।। शुभमस्तु।। -पं. रमाशंकर तिवारी, ज्योतिषाचार्य


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