झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डा भास्कर सिंह शीर्ष विज्ञानियों की सूची में शामिल, इस विषय पर कर रहे रिसर्च
Worlds Top Scientists पर्यावरण विज्ञान विभाग (Department of Environmental Science) झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (Jharkhand Central University) में बतौर सहायक प्रोफेसर कार्यरत डा भास्कर सिंह (Dr. Bhaskar Singh) का नाम इन दिनों चर्चा में है। झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रबंधन ने बधाई व शुभकामनाएं दी है।
रांची, जागरण संवाददाता। Worlds Top Scientists : पर्यावरण विज्ञान विभाग (Department of Environmental Science) झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (Jharkhand Central University) में बतौर सहायक प्रोफेसर कार्यरत डा भास्कर सिंह (Dr. Bhaskar Singh) का नाम इन दिनों चर्चा में है। हाल ही में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (Stanford University) की एल्सेवियर (Elsevier) द्वारा प्रकाशित विश्व के शीर्ष विज्ञानियों की सूची (List of World's Top Scientists) में उन्हें शामिल किया गया है। स्टैनफोर्ड एल्सेवियर की रिपोर्ट (Stanford Elsevier Report) के अनुसार विश्व के 1,00,000 से अधिक शीर्ष विज्ञानियों का सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटाबेस बनाया गया है। विज्ञानियों (Scientists) के द्वारा किए गए शोध कार्य (Research Work) को इस रिपोर्ट में शामिल किया गया है। शोध पत्र के मूल्यांकन के बाद रैंकिंग दी गई है। उनकी इस उपलब्धि पर झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रबंधन ने बधाई व शुभकामनाएं दी है।
बनाई गईं हैं दो सूचियां :
स्टैनफोर्ड एल्सेवियर की रिपोर्ट में शीर्ष विज्ञानियों के लिए दो सूचियां बनाई गई हैं। पहली सूची करियर के लंबे आंकड़ों पर आधारित है और दूसरी सूची एक साल के प्रभाव (2020-21) पर आधारित है। डा भास्कर सिंह का नाम ऊर्जा (उपक्षेत्र 1) और जैव प्रौद्योगिकी (उपक्षेत्र 2) विषय की दूसरी सूची में है। डा भास्कर सिंह बायोडीजल विकास की विभिन्न पहलुओं व ईंधन गुणों में सुधार आदि के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। साथ ही अन्य पर्यावरणीय मुद्दों के बारे भी जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
उर्जा और जैव प्रौद्योगिकी विषय पर किए गए शोध को किया गया शामिल :
रांची स्थित झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय में पर्यावरण विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर डा भास्कर सिंह ने का कहना है कि स्टैनफोर्ड एल्सेवियर रिपोर्ट में शीर्ष विज्ञानियों के लिए बनाई गई दो सूची में शामिल किया गया है। उर्जा और जैव प्रौद्योगिकी विषय पर किए गए शोध को दूसरी सूची में समाहित किया गया है। बायोडीजल विकास की विभिन्न पहलुओं और ईंधन गुणों में सुधार के साथ साथ माइनिंग डंप स्वाइल आफ वेस्ट सिंहभूम में बायो इनर्जी प्लांट्स के इस्तेमाल पर भी काम किया जा रहा है।