संस्कृत का आनलाइन स्टडी मैटेरियल्स उपलब्ध करा रहे योगेश ओझा
लाकडाउन में स्कूल बंद हुआ तो झारखंड शिक्षा परियोजना ने शिक्षकों से विभिन्न विषयों का स्टडी मैटेरियल्स तैयार कर डिजी साथ के माध्यम से छात्रों को हर दिन उपलब्ध कराना शुरू कर दिया।
जागरण संवाददाता, रांची : लाकडाउन में स्कूल बंद हुआ तो झारखंड शिक्षा परियोजना ने शिक्षकों से विभिन्न विषयों का स्टडी मैटेरियल्स तैयार कर डिजी साथ के माध्यम से छात्रों को हर दिन उपलब्ध कराना शुरू कर दिया। लेकिन परियोजना द्वारा संस्कृत का स्टडी मैटेरियल्स तैयार नहीं कराया जाता था। उत्क्रमित उवि उरुगुटू कांके, रांची के प्रधानाध्यापक योगेश कुमार ओझा ने कुछ दिनों तक संस्कृत के स्टडी का मैटेरियल्स का इंतजार किया। लेकिन जब देखा कि डिजी साथ में संस्कृत का स्टडी मैटेरियल्स नहीं आ रहा है तो उन्होंने इसे खुद तैयार कर बच्चों को उपलब्ध कराने का फैसला कर लिया। अपने घर में एक कमरे को आनलाइन शिक्षण के लिए तैयार किया। बच्चों को आनलाइन पढ़ाना शुरू कर दिया। साथ ही क्लास का वीडियो बनाकर यू-ट्यूब पर ओझा सर क्लासेस के नाम से अपलोड करने लगे। इसके अलावा इस वीडियो को डिजी साथ कार्यक्रम से जोड़ा ताकि सभी बच्चों को इसका लाभ मिले। अभी संस्कृत की कक्षाओं का 100 से अधिक वीडियो यू-ट्यूब पर उपलब्ध है। इसका फायदा कक्षा छह से 12वीं तक के बच्चे उठा रहे हैं। अच्छी बात यह है कि योगेश ओझा ने आनलाइन मैटेरियल्स उपलब्ध कराने का कार्य अभी भी जारी रखा है। 85 प्रतिशत तक होने लगा रिजल्ट
योगेश ओझा की वर्ष 2015 उत्क्रमित उवि उरुगुटू कांके, रांची में शिक्षक के तौर पर नियुक्ति हुई। इससे पहले वे एक निजी स्कूल में शिक्षक थे। इन्होंने स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर शैक्षणिक गतिविधियों में कई स्तर पर सुधारात्मक बदलाव किए। यहीं कारण है कि पहले जहां बोर्ड परीक्षा में इस स्कूल का रिजल्ट 50 से 60 प्रतिशत होता था वहीं अब 80 से 85 प्रतिशत छात्र स्कूल से पास करने लगे हैं। बच्चों में प्रतियोगिता की भावना जगा रहे हैं।