वेदोनुकूल शिक्षा दें ताकि आने वाली पीढ़ी संस्कारवान हो
श्रद्धानंद पथ स्थित आर्य समाज मंदिर में बुधवार को स्वतंत्रता सेनानी व शुद्धि आदोलन के पुरोधा स्वामी श्रद्धानंद का 94वां बलिदान दिवस प्रेरणा दिवस के रूप में मनाया गया।
जागरण संवाददाता, रांची : श्रद्धानंद पथ स्थित आर्य समाज मंदिर में बुधवार को स्वतंत्रता सेनानी व शुद्धि आदोलन के पुरोधा स्वामी श्रद्धानंद का 94वां बलिदान दिवस 'प्रेरणा दिवस' के रूप में मनाया गया। सुबह 8:30 बजे आर्य समाज के पदाधिकारियों, सदस्यों एवं डीएवी स्कूलों के दस-दस शिक्षक हवन कार्यक्रम में स्वामी जी को नमन करते हुए यज्ञ में आहुति देकर श्रद्धांजलि दी। डीएवी झारखंड जोन बी के निदेशक सह प्राचार्य एमके सिन्हा ने कहा कि हमारी कथनी और करनी में अंतर आ रहा है। अच्छी शिक्षा के अभाव में हमारे बच्चे संस्कार विहीन हो रहे हैं। अगर हम चाहते हैं कि आने वाली पीढ़ी संस्कारवान हो तो हमें वेदोनुकूल शिक्षा पर विचार करना चाहिए। सुशीला गुप्ता एवं एसएल गुप्ता ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। भजनोपदेशक सत्यप्रकाश आर्य ने मधुर भजन- मेरा रंग दे बसंती चोला..सुनाया। पंडित विमलेंद्र शास्त्री ने स्वामी श्रद्धानंद जी के जीवन को प्रस्तुत किया। डीएवी हेहल के संगीत शिक्षक इंद्रजीत दत्ता ने ईश वंदना की प्रस्तुति दी। आर्य समाज ने पाहनों को किया सम्मानित
कार्यक्रम में खूंटी, नगड़ी, नामकुम, तोरपा, मुरुहू, खिजरी प्रखंडों से आए पाहनों का आर्य समाज की ओर से अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। अखिल भारतीय सरना समाज की सह सचिव गन्दूरी जी ने कहा कि सुनने वाला बोल सकता है और न सुनने वाला गूंगा होता है। इसलिए हमें सत्संग में भाग लेकर विद्वानों के विचारों से लाभ उठाना चाहिए। राजेन्द्र कुमार आर्य धन्यवाद ज्ञापन करते हुए स्वामी श्रद्धानन्द शुद्धि आदोलन की चर्चा की और कहा कि हमें एक होकर इस तरह के आदोलन को गति देने की आवश्यकता है। मंच संचालन अशोक कुमार पाठक ने किया। इस अवसर पर प्रेम प्रकाश आर्य, पूर्णचंद आर्य, अजय आर्य, संजय पोद्दार, वरुण विहारी, टीके मिश्रा, शैलेन्द्र कौर, डा. निर्मल कुमार सिंह, अशोक भाटिया सहित अन्य थे।