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Money Laundering: संजीवनी बिल्डकॉन के निदेशक श्याम किशोर गुप्ता को ईडी ने किया गिरफ्तार

Jharkhand. मनी लौंड्रिंग एक्ट में प्राथमिकी दर्ज कर पूरे मामले की जांच कर रहा है प्रवर्तन निदेशालय। संजीवनी बिल्डकॉन मामले में ईडी की यह पहली गिरफ्तारी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Fri, 13 Mar 2020 07:24 PM (IST)Updated: Fri, 13 Mar 2020 09:45 PM (IST)
Money Laundering: संजीवनी बिल्डकॉन के निदेशक श्याम किशोर गुप्ता को ईडी ने किया गिरफ्तार
Money Laundering: संजीवनी बिल्डकॉन के निदेशक श्याम किशोर गुप्ता को ईडी ने किया गिरफ्तार

रांची, राज्य ब्यूरो। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने शुक्रवार को मनी लौंड्रिंग एक्ट में करोड़ों की ठगी करने वाली कंपनी संजीवनी बिल्डकॉन के निदेशक श्याम किशोर गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। संजीवनी बिल्डकॉन मामले में ईडी की यह पहली गिरफ्तारी है। इससे पूर्व नवंबर-2019 महीने में ही ईडी की टीम ने श्याम किशोर गुप्ता की कांके के होचर मौजा के एक प्लॉट से 29.6 डिसमिल तथा दूसरे प्लॉट से 26 डिसमिल जमीन को जब्त किया था।

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जमीन-मकान का सपना दिखाकर सैकड़ों लोगों से करीब 500 करोड़ की ठगी करने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनी संजीवनी बिल्डकॉन के मामले की सीबीआइ भी जांच कर रही है। सीबीआइ ने इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है। पूर्व में श्याम किशोर गुप्ता को सीबीआइ की टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। कुछ वर्षों के बाद गुप्ता को सीबीआइ के केस में न्यायालय से जमानत मिल गई थी। ईडी की विशेष अदालत ने श्याम किशोर गुप्ता को 26 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

संजीवनी बिल्डकॉन मामले में अब तक ईडी की कार्रवाई

  •  रांची के कांके स्थित होचर मौजा में कंपनी के निदेशक श्याम किशोर गुप्ता के एक प्लॉट से 29.6 डिसमिल तथा दूसरे प्लॉट से 26 डिसमिल जमीन को ईडी ने जब्त किया।
  •  छत्तीसगढ़ के रायपुर के हीरापुर कबीरनगर में श्याम चैंबर स्थित कंपनी के प्रबंध निदेशक जयंत दयाल नंदी की 30 लाख 28 हजार रुपये की फ्लैट को जब्त किया।
  • बरियातू में कंपनी के 19 लाख 18 हजार रुपये मूल्य के तीन भूखंडों को ईडी ने जब्त किया।
  • ईडी ने सात फरवरी 2019 को भी संजीवनी बिल्डकॉन की 3.10 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी। उक्त संपत्ति  रांची व रायपुर में थी। इनमें जमीन से संबंधित कुल 11 संपत्ति है। इसकी कीमत 1.56 करोड़ रुपये है। इसके अतिरिक्त दो बैंक खाते व दो पीएफ खाते भी जब्त किए गए थे।

वर्ष 2012 में हुआ था फर्जीवाड़े का खुलासा

इस फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड कंपनी का प्रबंध निदेशक जयंत दयाल नंदी अब तक फरार है। वर्ष 2012 में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था। सात साल के बाद भी न तो रांची पुलिस और न ही सीबीआइ ही नंदी को पकड़ सकी। घोटाले के बाद विदेश भाग चुके नंदी को पकडऩे के लिए रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था। कभी उसके नेपाल तो कभी मलेशिया में होने की जानकारी मिलती रही।

उसे गिरफ्तार करने में सभी एजेंसयिां नाकाम रहीं। नंदी के खिलाफ हजारीबाग में एक शिक्षिका के अपहरण का भी मामला दर्ज है। इस मामले में हजारीबाग पुलिस ने उसे मृत बताते हुए केस की फाइल ही बंद कर दी थी। ऐसा करने वाले अधिकारी के विरुद्ध विभाग कार्रवाई कर चुका है।

फर्जीवाड़े से संबंधित 33 मामलों को सीबीआइ ने किया था टेकओवर

घोटाले के मुख्य आरोपितों में कंपनी के प्रबंध निदेशक जयंत दयाल नंदी, उनकी पहली पत्नी अनिता नंदी, दूसरी पत्नी अनामिका नंदी, निदेशक श्याम किशोर गुप्ता, निदेशक तकनीक अरविंद सिंह, ऑपरेशनल मैनेजर आरपी वर्मा आदि शामिल हैं। इस मामले में रांची सहित विभिन्न जिलों में कुल 33 कांड दर्ज हुए थे। इन 33 कांडों को वर्ष 2014 में सीबीआइ ने टेकओवर किया था। रुपयों के बड़े ट्रांजेक्शन की जानकारी मिलने के बाद ईडी ने भी मनी लौंड्रिंग एक्ट में प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान आरंभ किया था।


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