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ED ने पोंजी योजना घोटाले के आरोपित को हावड़ा से किया गिरफ्तार, 29 जून तक न्‍यायिक हिरासत में भेजा

Jharkhand News नोटिस के बावजूद आरोपी कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहा था। ईडी कोर्ट ने 29 जून तक के लिए आरोपित हेमंत कुमार सिन्हा को न्यायिक हिरासत में भेजा। अरगोड़ा थाना क्षेत्र के एमएसएस आयुर्वेदिक हेल्थ केयर एंड ट्रस्ट के नाम पर जालसाजी का मामला दर्ज है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 06:10 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 06:19 PM (IST)
ED ने पोंजी योजना घोटाले के आरोपित को हावड़ा से किया गिरफ्तार, 29 जून तक न्‍यायिक हिरासत में भेजा
Jharkhand News नोटिस के बावजूद आरोपी कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहा था।

रांची, राज्य ब्यूरो। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पोंजी योजना घोटाले (चिटफंड घोटाला) के एक आरोपित हेमंत कुमार सिन्हा को बंगाल के हावड़ा स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित हेमंत कुमार सिन्हा को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने शनिवार को ईडी कोर्ट में प्रस्तुत किया था, जहां से हेमंत को 29 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पूरा मामला रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र में संचालित एमएसएस आयुर्वेदिक हेल्थ केयर एंड ट्रस्ट से संबंधित है।

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यह केस आपसी मिलीभगत से आम लोगों से जालसाजी का है। रांची पुलिस की प्राथमिकी और चार्जशीट के आधार पर ईडी ने इस केस को टेकओवर किया था। ईडी ने 31 मार्च 2020 को एमएसएस आयुर्वेदिक हेल्थ केयर एंड ट्रस्ट व अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट में ईडी कोर्ट में अभियोजन शिकायत दायर किया था। ईडी ने अनुसंधान के बाद इस केस में हेमंत कुमार सिन्हा सहित पांच आरोपितों के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट में अभियोजन शिकायत दायर किया था।

ईडी कोर्ट के बार बार नोटिस देने के बावजूद आरोपित हेमंत कुमार सिन्हा कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहे थे। इसके बाद ईडी कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया था। इसी आधार पर ईडी की टीम ने आरोपित हेमंत कुमार सिन्हा को बंगाल के हावड़ा स्थित आवास से गिरफ्तार किया और रांची लेकर आई। यह राशि स्थित ईडी कोर्ट में उपस्थित करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेजा गया।

10 करोड़ रुपये का निकला पूरा घोटाला, ईडी ने किया है 2.28 करोड़ जब्त

अरगोड़ा थाना क्षेत्र में संचालित एमएसएस आयुर्वेदिक हेल्थ केयर एंड ट्रस्ट नामक संस्था ने आम लोगों को तीन महीने के भीतर चार गुना राशि दिलाने का दावा कर निवेश कराया था। इस कंपनी ने प्रत्येक व्यक्ति से 3000 रुपये जमा कराया था और इसके बदले में 2300 रुपये के पोस्ट डेटेड चेक तथा आयुर्वेदिक मेडिसिन और इलाज संबंधित 700 रुपये के चार कूपन दिए थे। ईडी ने अनुसंधान में पाया कि पूरा घोटाला 10 करोड़ रुपये का है। ईडी ने अब तक इस कंपनी के बैंक खाते से 2.28 करोड़ रुपये जब्त किया था। इसपर ईडी की एजुकेटिंग कमेटी ने भी मुहर लगा दी है।

गत वर्ष दो आरोपित किए गए थे गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय ने इस केस में ईडी कोर्ट में 5 आरोपितों के खिलाफ अभियोजन शिकायत दायर किया था। इससे संबंधित दो आरोपित राकेश कुमार पोद्दार और मुकेश कुमार पोद्दार गत वर्ष जून में गिरफ्तार किए गए थे। इनमें एक आरोपित बनारस और दूसरा मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार हुआ था। दोनों न्यायिक हिरासत में हैं।


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