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प्रभु के जीवित होने की मनाई खुशी, फैली खुशहाली

रांची ईस्टर पर्व रविवार को धूमधाम से मनाया गया। विश्वासियों ने कब्रिस्तान और चर्च में विशेष प्रार्थना की।

By Edited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 08:33 PM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 11:01 AM (IST)
प्रभु के जीवित होने की मनाई खुशी, फैली खुशहाली
प्रभु के जीवित होने की मनाई खुशी, फैली खुशहाली
रांची : ईस्टर पर्व रविवार को धूमधाम से मनाया गया। विश्वासियों ने कब्रिस्तान और चर्च में आयोजित विशेष प्रार्थना में शामिल होकर प्रभु की वंदना की। पुरोहितों ने पवित्र मिस्सा बलिदान का अनुष्ठान कराया। इसमें बड़ी संख्या में विश्वासी शामिल हुए। प्रभु के जी उठने की खुशियां मनाईं और एक-दूसरे को बधाई दी। इस मौके पर अपने पूर्वजों की याद में मोमबत्तियां जलाई गईं और घरों में तरह-तरह के पकवान बने। दिनभर बधाइयों का दौर चला। अहले सुबह तक होती रही प्रार्थना पुरुलिया रोड स्थित कैथोलिक चर्च में सुबह छह बजे से अनुष्ठान शुरू हुआ। वहीं सीएनआई चर्च कब्रिस्तान एवं जीईएल कब्रिस्तान में देर रात से ही विश्वासी जुटने लगे। अहले सुबह तक प्रार्थना होती रही। प्रार्थना के उपरांत प्रभु भोज का आयोजन किया गया। इसके बाद चर्च में विशेष अनुष्ठान का आयोजन कर प्रभु के जी उठने का संदेश सुनाया गया। ................................................. प्रभु यीशु ने दीन-दुखियों की सेवा का संदेश दिया संत मरिया(कैथोलिक) चर्च में आयोजित पवित्र मिस्सा बलिदान अनुष्ठान फादर थेयोदोर टोप्पो के सान्निध्य में संपन्न हुआ। फादर ने कहा कि प्रभु ने दोबारा जिंदा होकर विश्वासियों को अनंत जीवन प्रदान किया। प्रभु ने दीन-दुखियों की सेवा को ही परम धर्म माना और सबके प्रति दया का संदेश दिया। अच्छाई और भलाई के मार्ग पर चलने से कभी किसी की हानि नहीं होती है। यह कार्य कभी नष्ट नहीं होता है। ऐसे लोग मर कर भी अमर हो जाते हैं। दूसरी पाली की मिस्सा की शुरुआत सुबह 7.30 बजे हुई। इसका संचालन सहायक फादर जेम्स भेंगरा ने किया। मौके पर फादर विनय केरकेट्टा, फादर गुलशन मिंज आदि उपस्थित थे। प्रभु ने शिष्यों को दर्शन देकर जीवित होने का दिया प्रमाण : बिशप दुलार लकड़ा जीईएल कब्रिस्तान में देर रात तीन बजे अनुष्ठान शुरू हुआ। प्रभु के जी उठने की खुशी में मोमबत्ती जलाई गई। प्रभु संदेश में बिशप दुलार लकड़ा ने कहा कि यीशु को अत्याचारियों ने क्रूस पर चढ़ाया। कब्र में रख दिया। तीसरे दिन रविवार की रात में प्रभु जी उठे। प्रभु के जीवित होते ही जगत का अंधकार दूर हो गया। प्रभु ने अपने शिष्यों को दर्शन देकर कई बार जीवित होने का प्रमाण दिया है। प्रभु को खोजने कुछ शिष्य कब्र पर आए थे। यह देखकर प्रभु ने कुछ माताओं को उनके पास भेजा। कब्र दिखाकर माताओं ने शिष्यों से कहा कि तुम जिसे खोजने आए हो, वह यहां नहीं हैं। वह जिंदा हो गए हैं। खाली कब्र देखो, यही प्रमाण है। प्रभु ने अपना जीवन दूसरे की भलाई के लिए कुर्बान कर दिया। विश्वासियों को प्रभु के बताए मार्ग पर चलना है। मौके पर रेव्ह पीटर खाखा, राजीव सतीश टोप्पो आदि उपस्थित थे।

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