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जानें, क्यों लगातार गिर रहा झारखंड सरकार की कमाई का ग्राफ

झारखंड सरकार के तमाम कमाऊ विभागों का प्रदर्शन अपेक्षानुरूप नहीं रहा।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 03 Apr 2018 12:45 PM (IST)Updated: Tue, 03 Apr 2018 12:45 PM (IST)
जानें, क्यों लगातार गिर रहा झारखंड सरकार की कमाई का ग्राफ
जानें, क्यों लगातार गिर रहा झारखंड सरकार की कमाई का ग्राफ

आनंद मिश्र, रांची। झारखंड सरकार की कमाई के ग्राफ में साल दर साल गिरावट दर्ज की जा रही है। लक्ष्य हासिल करना तो दूर, निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष उगाही के प्रतिशत में भी लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में जहां लक्ष्य के विपरीत 85 फीसद संग्रह हुआ था वह वर्ष 2017-18 में घटकर 68 फीसद पहुंच गया है। वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए 28408 करोड़ राजस्व संग्रह का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसके सापेक्ष वसूली 19307.34 करोड़ रुपये रही। सरकार के तमाम कमाऊ विभागों का प्रदर्शन अपेक्षानुरूप नहीं रहा।

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वाणिज्यकर विभाग को जुलाई से प्रभावी जीएसटी रास नहीं आया और सर्वाधिक उगाही वाला यह विभाग निर्धारित लक्ष्य के 73 फीसद तक ही पहुंच सका। 2016-17 में यह 79 फीसद तक पहुंचा था। बंद खदानों की मार खान विभाग को झेलनी पड़ी और राजस्व संग्रह लक्ष्य के 67.32 फीसद के दायरे में सिमट कर रहा गया। एक रुपये में महिलाओं के नाम रजिस्ट्री की सरकार की घोषणा ने निबंधन को खासा झटका दिया। लक्ष्य के सापेक्ष इस विभाग की वसूली 51.61 फीसद के दायरे में रही। शराब पर प्रभावकारी नियंत्रण के लिए अपना गए कदम से उत्पाद विभाग के राजस्व को क्षति पहुंची और इसकी उगाही पिछले साल से भी कम रही।

वित्तीय वर्ष 2016-17 में इस विभाग का राजस्व में योगदान 957 करोड़ था जबकि 2017-18 में यह घटकर 845 पर आ गया। भू-राजस्व और परिवहन की स्थिति भी संतोषजनक नहीं रही और यह दोनों ही विभाग 50 फीसद के दायरे में रहे।

लक्ष्य के सापेक्ष वसूली की स्थिति

विभाग लक्ष्य राजस्व संग्रह प्रतिशत

वाणिज्यकर 15500 11347 73.21

खान 8508 5728 67.32

परिवहन 1500 778 51.87

निबंधन 900 464.49 51.61

भू-राजस्व 400 144.85 36.12

उत्पाद 1600 845 52.81

कुल 28408 19307.34 67.96

नोट : आंकड़े करोड़ रुपये में हैं

कब कितनी हुई वसूली

वित्तीय वर्ष लक्ष्य राजस्व संग्रह प्रतिशत

2014-15 15838 13512 85.31

2015-16 20200 15271 75.60

2016-17 24100 17360 72.03

2017-18 28408 19307.34 67.96

नोट : आंकड़े करोड़ रुपये में हैं। 


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