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Damodar Valley Corporation: डीवीसी से पनाह मांग रहे झारखंड ने उठाया बड़ा कदम... कमांड एरिया से अलग होगा चतरा, हजारीबाग और कोडरमा

Damodar Valley Corporation बिजली के लिए दामोदर घाटी निगम पर निर्भर झारखंड ने बड़ा कदम उठाया है। अब चतरा हजारीबाग और कोडरमा को डीवीसी कमांड एरिया से अलग किया जा रहा है। इसके साथ ही राज्‍य ने बिजली आपूर्ति में आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा दिया है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 29 Sep 2021 12:11 AM (IST)Updated: Wed, 29 Sep 2021 12:14 AM (IST)
Damodar Valley Corporation: डीवीसी से पनाह मांग रहे झारखंड ने उठाया बड़ा कदम... कमांड एरिया से अलग होगा चतरा, हजारीबाग और कोडरमा
Damodar Valley Corporation: बिजली के लिए दामोदर घाटी निगम पर निर्भर झारखंड ने बड़ा कदम उठाया।

रांची, राज्य ब्यूरो। Damodar Valley Corporation बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में राज्य ने तेजी से कदम आगे बढ़ाया है। दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) पर निर्भरता खत्म करना भी इसी प्रक्रिया का अहम हिस्सा है। एक अक्टूबर से डीवीसी के कमांड एरिया के तहत आने वाले तीन जिले चतरा, हजारीबाग और कोडरमा अलग हो जाएंगे। यहां चतरा के इटखोरी ट्रांसमिशन लाइन से बिजली की आपूर्ति झारखंड बिजली वितरण निगम करेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इटखोरी 220/132/33 केवी ग्रिड और 220 केवी चतरा (इटखोरी) ट्रांसमिशन लाइन का उद्घाटन एक अक्तूबर को करेंगे।

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इस महती परियोजना के कारण तीन जिलों में बिजली आपूर्ति में अप्रत्याशित सुधार होगा। अभी इटखोरी ग्रिड में पावर ग्रिड कारपोरेशन के जरिए बिजली ली जाएगी। बाद में टंडवा के एनटीपीसी से भी इस ग्रिड में बिजली लेने की योजना है। एक साल के भीतर इस ग्रिड से जुड़े कई और अन्य ट्रांसमिशन लाइन शुरू किए जाएंगे। इसपर युद्धस्तर पर काम चल रहा है। नए संचरण लाइन में इटखोरी-चतरा-बारबाड़ी डबल सर्किल ट्रांसमिशन लाइन, 132 केवी डबल सर्किट डारा-इटखोरी ट्रांसमिशन लाइन, 132 केवी इटखोरी-सिमरिया डबल सर्किट ट्रांसमिशन लाइन, 132 केवी हंटरगंज ट्रांसमिशन लाइन तथा 132 केवी डबल सर्किट इटखोरी-बरही लाइन है। इसके अारंभ होने से गिरिडीह व आसपास के क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की जा सकेगी।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को आदेश दिया था कि जल्द से जल्द डीवीसी पर निर्भरता को समाप्त करें। जल्द ही डीवीसी कमांड एरिया के बाकी बचे पांच जिलों धनबाद, बोकारो, रामगढ़, गिरिडीह और देवघर को भी मुक्त कराने की तैयारी है। इन जिलों में फिलहालआपूर्ति डीवीसी के माध्यम से होती है।

डीवीसी से नाराजगी की वजह एकतरफा बिजली बकाया मद में कटौती है। केंद्र सरकार ने झारखंड के आरबीआइ खाते से पैसा काटकर डीवीसी को देने के बाद तनातनी बढ़ी है। राज्य सरकार ने भी हाल में केंद्रीय उपक्रमों पर बिजली आपूर्ति मद में बकाए को देकर नोटिस जारी किया था। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निर्देश दिया है कि डीवीसी के कमांड एरिया वाले जिलों में जल्द से जल्द बेहतर संचरण नेटवर्क खड़ा किया जाए।


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