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लोकसभा सत्र के दौरान रांची के सांसद संजय सेठ ने कहा- भारत को सिर्फ भारत के नाम से ही जाना जाए

Winter Session लोकसभा सत्र(Lok Sabha Session) के दौरान रांची के सांसद संजय सेठ(Ranchi MP Sanjay Seth) ने सरकार के समक्ष अपने देश भारत का नाम(Name Of India) सिर्फ भारत रखने का आग्रह किया है। उन्होंने सदन के माध्यम से सरकार से आग्रह किया कि भारत का नाम सिर्फ भारत हो।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 03:03 PM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 03:03 PM (IST)
लोकसभा सत्र के दौरान रांची के सांसद संजय सेठ ने कहा- भारत को सिर्फ भारत के नाम से ही जाना जाए
लोकसभा सत्र के दौरान रांची के सांसद संजय सेठ ने कहा-भारत को सिर्फ भारत के नाम से ही जाना जाए

रांची (जासं)। Winter Session: लोकसभा सत्र(Lok Sabha Session) के दौरान रांची के सांसद संजय सेठ(Ranchi MP Sanjay Seth) ने सरकार के समक्ष अपने देश भारत का नाम(Name Of India) सिर्फ भारत रखने का आग्रह किया है। लोकसभा(Lok Sabha) में सांसद ने कहा कि जब इस देश का नाम अनादि काल से भारत रहा है, तो फिर इंडिया डैट इज भारत(India That Is Bharat) कहने और लिखने या बोलने की जरूरत ही क्यों हैं। हर चीजों के लिए अंग्रेजों से उधार लेने की आवश्यकता क्यों। मध्यकाल में सिंधु को जब तुर्की और ईरानी सिंधु नहीं का पाए तो उन्होंने इसे हिंदू कहा और इस प्रकार देश का नाम भारत होने के बावजूद हिंदुस्तान हो गया, जिसे हम हिंदुस्तान(Hindustan) कहने लगे।

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अंग्रेजों को जब हिंदुस्तान कहने-बोलने में परेशानी हुई तो भारत को इंडिया के नाम से पुकारा:

उन्होंने कहा कि जब अंग्रेजों को जब हिंदुस्तान कहने-बोलने में परेशानी हुई, तो उसने सिंधु घाटी जिसे कभी इंदु वैली भी कहा जाता था, उससे प्रभावित होकर भारत को इंडिया के नाम से पुकारा। ऐसे में विदेशियों के द्वारा दिए गए नाम से प्रभावित होकर इंडिया डैट इज भारत कहना भारत जैसे विशाल देश और उसकी महान गौरवशाली संस्कृति का अपमान है।

इंडिया कहने के पूर्व इस देश का नाम मनीषियों ने कई नामों से पुकारा:

सदन में बोलते हुए सांसद ने कहा कि ऐसे भी देखा जाए तो अंग्रेजो के द्वारा इंडिया कहने के पूर्व इस देश का नाम मनीषियों ने कई नामों से पुकारा, भारतवर्ष, आर्यावर्त, ब्रह्मावर्त, जम्बूद्वीप, आदि ऐसे नाम भारतीय ग्रंथों में दिए गए। ऐसे गौरवशाली नामों को विस्मृत कर भारत का पर्याय इंडिया को बना देना, फिर इंडिया नाम को ही सार्वभौमिकता प्रदान करते हुए इंडिया डैट इज भारत कहना न्याय संगत नहीं है।

आग्रह किया कि भारत का नाम सिर्फ भारत हो:

उन्होंने सदन के माध्यम से सरकार से आग्रह किया कि भारत का नाम सिर्फ भारत हो। इंडिया डैट इज भारत कहने और लिखने की परंपरा समाप्त हो। संविधान में लिखे गए ऐसे वाक्यों में सुधार हो और भारत को सिर्फ भारत के नाम से ही हम जानें, इस दिशा में काम किया जाए।


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