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कूप सिंचाई से किसानों की बदल रही तकदीर, खेतों में लहलहा रही फसलें

रांची जिला के नामकुम प्रखंड अंतर्गत लालखटंगा पंचायत के ग्राम खरसीदाग के लाभुक ने वह कर दिखाया जो असंभव लग रहा था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Mar 2020 08:41 PM (IST)Updated: Fri, 13 Mar 2020 08:41 PM (IST)
कूप सिंचाई से किसानों की बदल रही तकदीर, खेतों में लहलहा रही फसलें
कूप सिंचाई से किसानों की बदल रही तकदीर, खेतों में लहलहा रही फसलें

शक्ति सिंह, रांची : रांची जिला के नामकुम प्रखंड अंतर्गत लालखटंगा पंचायत के ग्राम खरसीदाग के लाभुक जुरा पहान ने बंजर जमीन पर खेती करके दिखा दिया कि चाह अगर हो तो कोई काम असंभव नहीं है। वर्ष 2018-19 में उनके पास दो एकड़ बंजर जमीन थी। जुरा पहान ने कहा कि यहां पर एक सिंचाई कूप की व्यवस्था हो जाए तो खेती की जा सकती है। मनरेगा से उन्हें सिंचाई कूप मिला। उस कूप से सिंचाई करके जमीन पर मटर की खेती किए। खेत को हरा भरा कर दिया और इससे जुरा पहान एवं उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई तथा मनरेगा से निर्मित सिंचाई कूप इनकी आजीविका का साधन बन गया।

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यह कहानी सिर्फ जुरा पहान की नहीं है बल्कि कूप सिंचाई से कई किसानों की तकदीर बदली है। जो जमीन पानी के अभाव में बंजर हो चुके थे, जहा कोई खेती करना संभव नहीं था। न ही उनके पास सिंचाई का कोई साधन था। ऐसी योजनाओं से जोड़कर उन्हें इसका लाभ दिया जा रहा है। मनरेगा के तहत चल रहे कुओं के निर्माण से किसानों के फसलों को जान मिल रही है। रांची जिला में सबसे अधिक सिंचाई कुंओं का किया गया निर्माण

रांची जिला में सर्वाधिक सिंचाई कुंओं का निर्माण किया गया है। 2364 सिंचाई कूप सिर्फ रांची में बनाया जा चुका है। जबकि शेष जिलों में रांची के आधे कूप का निर्माण नहीं किया गया है। रांची के बाद रामगढ़ ही दूसरा जिला है, जहां 1030 सिंचाई कूप बनाया गया है। सबसे कम पूर्वी सिंहभूम में लाभुकों को इसका लाभ मिला है। सिर्फ 18 लाभुकों को इससे जोड़ा गया। है। पूरे प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2019-20 तक 11143 सिंचाई कूप का लाभ लाभुकों को दिया गया है। यानी बीस फीसद कूप सिर्फ रांची जिला में ही बनाए गए हैं। मांडर प्रखंड में सबसे अधिक 357 कूप बनाए गए हैं। जबकि सबसे कम 18 कूप रातू में बनाया गया है।

'यह रांची की उपलब्धि रही है कि सिंचाई कूप के निर्माण के मामले में आगे रहा है। सिंचाई की दृष्टि से कूप भी बेहतर संसाधन है। जिले में पांच हजार कूप का निर्माण होना है। इस दिशा में युद्धस्तर पर काम लगाया गया है, बीच में मेटेरियल से संबंधित समस्या होने पर थोड़ी बहुत परेशानी हुई थी, जिसे शार्ट आउट किया गया है। अब लक्ष्य की तरफ जिले की नजरें हैं।

अनन्य मित्तल

डीडीसी, रांची


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