डीएसपी किशोर रजक से जवाब तलब की तैयारी
रांची राज्य ब्यूरो। फेसबुक पोस्ट के माध्यम से सरकार की स्थानांतरण नीति पर सवाल उठा चुके डीएसपी किशोर कुमार रजक से जवाब तलब की तैयारी है।
रांची, राज्य ब्यूरो। फेसबुक पोस्ट के माध्यम से सरकार की स्थानांतरण नीति पर सवाल उठा चुके डीएसपी किशोर कुमार रजक से जवाब तलब की तैयारी है। रजक वर्तमान में खूंटी के स्पेशलाइज्ड इंडिया रिजर्व बटालियंस-2 (एसआइआरबी-2) के डीएसपी हैं। बुधवार को विभिन्न समाचार माध्यमों में डीएसपी की पीड़ा प्रकाशित होने के बाद सरकार की गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने इस मसले को गंभीरता से लिया है। इस मामले में पुलिस मुख्यालय के माध्यम से डीएसपी से जवाब-तलब होने जा रही है। डीएसपी पर एक जिम्मेदार पद पर रहते हुए फेसबुक पर विभाग की छवि खराब करने का आरोप है। विभागीय सूत्रों की मानें तो विभाग ऐसे कृत्य को अनुशासनहीनता की श्रेणी में रखता है।
गौरतलब है कि डीएसपी किशोर कुमार रजक ने अपने फेसबुक वाल पर ट्रांसफर पोस्टिंग में जाति-धर्म, पैसा-पैरवी का आरोप लगाया है। लिखा है कि बचपन से जातीय भेदभाव का शिकार तो नहीं हुआ, लेकिन अब महसूस होने लगा है। जोश, ऊर्जा, ईमानदारी, मेहनत व मेरिट बकवास लगने लगा है। हालांकि, डीएसपी के इस पोस्ट से महकमे में जब सरगर्मी तेज हुई तो डीएसपी ने तत्काल उक्तपोस्ट को हटा दिया था। किशोर कुमार रजक मूल रूप से बोकारो के रहने वाले हैं। दो माह पूर्व उनके साथ दो डीएसपी एक साथ एसआइआरबी-2 खूंटी में योगदान दिया था। उनके साथियों का तबादला हो गया, वे वहीं पड़े हुए हैं और खुद को प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं। वे असम, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान में भी ड्यूटी कर चुके हैं। झारखंड के विभिन्न जिलों में उन्होंने अपनी सेवा दी है।
आइपीएस एमवी राव ने सवाल उठाया तो उन्हें भी जवाब देना पड़ा था :
डीएसपी के पूर्व आइपीएस अधिकारी एमवी राव को जब सीआइडी के एडीजी के पद से हटाकर दिल्ली भेजा गया था, तब एमवी राव ने भी सरकार की स्थानांतरण नीति को कटघरे में खड़ा कर दिया था। इस मसले पर गृह विभाग ने राव को कड़ी चिट्ठी लिखते हुए उनसे जवाब-तलब किया था। राव की चिट्ठी-पत्री का यह मामला फिलहाल विभाग में लंबित है।