Jharkhand News: रेमडेसिविर कालाबाजारी में दुकान का लाइसेंस रद, कोरोना काल में इस तरह हुआ फर्जीवाड़ा
Jharkhand Latest News कोराना की दूसरी लहर में रेमडेसिविर की कालाबाजारी मामले में साई कृपा मेडिकल का लाइसेंस रद। रांची के हिनू स्थित सृष्टि अस्पताल में चलती थी दवा दुकान। कोरोना काल में रेमडेसिविर की कालाबाजारी मामले में जांच में हुआ खुलासा।
रांची, राज्य ब्यूरो। Remdesivir Black Marketing In Jharkhand स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की दूसरी लहर में रेमडेसिविर की हुई कालाबाजारी मामले में बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने इस मामले में दोषी पाए गए साई कृपा मेडिकल एंड सर्जिकल का औषधि बिक्री का लाइसेंस रद कर दिया है। जांच में जो बातें सामने आई हैं, उनके अनुसार, इस दवा बिक्रेता द्वारा दूसरी बीमारियों के मरीजों के नाम रेमडेसिविर बिक्री का बिल बनाकर उसकी अवैध बिक्री की गई थी। इसके अलावा इसके द्वारा कई अन्य फर्जीवाड़ा किया गया। यह दवा दुकान रांची के हिनू स्थित सृष्टि अस्पताल में चलती है। इस मामले में पहले से ही प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है।
मरीजों के नाम पर फर्जी तरीके से खपत
लाइसेंसिंग अथारिटी सह उपनिदेशक, औषधि सुमंत कुमार तिवारी द्वारा लाइसेंस रद करने को लेकर जारी आदेश में कहा गया है कि कई मामले में गैर कोविड-19 के इलाज हेतु सृष्टि अस्पताल में भर्ती मरीजों के नाम पर जारी बिल की तिथियों में गड़बड़ी कर उसमें कोविड-19 के इलाज हेतु भर्ती मरीजों के नाम पर रेमडेसिविर की खपत दिखाई गई। वहीं, कई मामलों में रेमडेसिविर का अधिकतम मूल्य तय किए जाने के बाद भी अधिक वूसली मरीजों से की गई। कई मामले में चिकित्सक की अनुशंसा नहीं किए जाने के बाद भी मरीजों के नाम से रेमडेसिविर की बिक्री दिखाई गई।
मृतक के नाम पर चल रही थी दव दुकान
सृष्टि अस्पताल में भर्ती मरीजों के नाम पर बेचे गए रेमडेसिविर इंजेक्शन की संख्या, ब्रांड नेम, बैच नंबर आदि में परिवर्तन कर भी गड़बड़ी की गई। कई मामलों में एक ही मरीज को अलग-अलग बिल से भी इंजेक्शन निर्गत किया गया जो सृष्टि अस्पताल में लगाए गए इंजेक्शन से अधिक था। सृष्टि अस्पताल द्वारा अवैध तरीके से निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर फर्जी दस्तावेज बनाकर अनधिकृत व्यक्तियों को रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचा गया। इससे पहले इस मामले में दवा दुकान की वर्तमान मालकिन अंजू कुमारी से स्पष्टीकरण पूछा गया था। अपने स्पष्टीकरण में अंजू कुमारी ने कहा कि पूर्व में उक्त दवा दुकान उनके पिता कबिलाश चौधरी के नाम था। उनके पिता ने अपना पूरा काम मनीष कुमार सिन्हा को नामक व्यक्ति को सौंप दिया था। कबिलाश चौधरी का निधन पिछले साल 11 मई को ही हो चुका है। संतोषजनक जवाब नहीं देने के बाद विभाग ने लाइसेंस रद करने की कार्रवाई की।
बरियातू स्थित आर्ची झारखंड ब्लड बैंक का लाइसेंस रद
उधर, स्वास्थ्य विभाग के औषधि निदेशालय ने रांची के बरियातू स्थित आर्ची झारखंड ब्लड बैंक का लाइसेंस रद कर दिया है। निदेशक, औषधि ऋतू सहाय द्वारा इसे लेकर जारी आदेश में कहा गया है कि औषधि निरीक्षक द्वारा निरीक्षण के क्रम में ब्लड बैंक में कई अनियमितता पाई गई थी। स्पष्टीकरण का संतोषजनक जवाब नहीं देने पर यह कार्रवाई की गई।जारी आदेश में कहा गया है कि ब्लड बैंक के निरीक्षण में पाया गया था कि कई ब्लड बैग का सेगमेंट नंबर एक था जबकि प्रत्येक ब्लड बैग का यह नंबर अलग-अलग होता है। डोनर के कंसेंट फॉर्म में अंकित मोबाइल नंबर पर संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया गया तो उक्त नंबर पर संपर्क स्थापित नहीं हो सका। निरीक्षण के क्रम में यह भी पाया गया कि होल ह्यूमन ब्लड को रिटर्न करने से संबंधित कोई रिकार्ड ब्लड बैंक सेंटर में उपलब्ध नहीं था। विभिन्न अनियमितताओं के आरोप में इस ब्लड बैंक के लाइसेंस को पूर्व में भी औषधि निदेशालय द्वारा 120 दिनों के लिए निलंबित किया गया था। औषधि निदेशालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए लाइसेंस रद करने की कार्रवाई की।