Move to Jagran APP

पलामू में 53 करोड़ से शुरू हुई पेयजलापूर्ति योजना का बजट पहुंचा 234 करोड़

मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत 35 वार्ड में 158941 लोग निवास कर रहे हैं। यह आंकड़ा 2011 के सर्वे का है। इसके बावजूद भी अधिकांश लोगों को शुद्ध पेयजल मयस्सर नहीं हो सका है।53 करोड़ से शुरू योजना का बजट अब 234 करोड़ पहुंच गया है।

By Kanchan SinghEdited By: Published: Sun, 31 Oct 2021 02:41 PM (IST)Updated: Sun, 31 Oct 2021 02:41 PM (IST)
पलामू में 53 करोड़ से शुरू हुई पेयजलापूर्ति योजना का बजट पहुंचा 234 करोड़
लोगों को शुद्ध पेयजल मयस्सर नहीं हो सका है

पलामू (जासं) मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत 35 वार्ड में 158941 लोग निवास कर रहे हैं। यह आंकड़ा 2011 के सर्वे का है। इसके बावजूद भी अधिकांश लोगों को शुद्ध पेयजल मयस्सर नहीं हो सका है। साल 2004 के बाद 13 वर्ष गुजर गए। लेकिन पेयजलापूर्ति योजना का सेंकेंड फेज धरातल पर नहीं उतर सका। 53 करोड़ से शुरू योजना का बजट अब 234 करोड़ पहुंच गया है। हर वर्ष गर्मी शुरू होते शहरवासियों को पेयजल संकट सताने लगता है। इस वर्ष की भी यही कहानी रहेगी।

loksabha election banner

12 वर्षों से विभाग-विभाग का चल रहा खेलः लामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर नगर निगम की अधिकांश जनता शुद्ध पेयजल के लिए तरस रही है। पेयजलापूर्ति योजना फेज टू की फाइल विभाग-विभाग की ठोकरें खा रही हैं। आलम है कि नगर निकाय, पेयजलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के बाद अब मेदिनीनगर पेयजलापूर्ति योजना फेज टू की फाइल रांची जुडको के कार्यालय में पड़ी हैं। योजना के मसले पर 12 वर्षों से विभाग-विभाग का खेल चल रहा है। बावजूद जनप्रतिनिधियों के अलावा अधिकारियों की उदासीनता के कारण अब तक योजना धरातल पर नहीं उतरी। पूर्व में टेंडर हुआ और निर्माण कार्य अधूरा ही रह गया था।

वित्तीय वर्ष 2019-20 में जुडको पुन: पेयजलापूर्ति योजना फेज टू को लेकर सक्रिय हुआ। एशिया विकास बैंक से राशि मिलने की उम्मीद पर नगर निगम के सहयोग से नए-पुराने क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए रोडमैप तैयार करने की योजना बनाई। जुडको व कंसल्टेंसी वेपकोस के प्रतिनिधि जलापूर्ति योजना की पुरानी व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए नई व्यवस्था तैयार करने में लगे थे। बताया जाता है कि 234 करोड़ की लागत से जलापूर्ति योजना फेज दो का काम दो सालों में पूरा करने की तैयारी थी। वर्ष 2051 तक को ध्यान में रखकर योजना तैयार की गई थी। उद्देश्य है कि आने वाले 30 सालों तक नगर निगम क्षेत्र के सभी घरों में आसानी से पर्याप्त पानी मिल सके। बावजूद पैसा की अप्राप्ति के कारण इस बार भी फाइल ठंडे बस्ते में है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.