Presidential Election: शिबू-हेमंत से समर्थन मांगने पहुंचीं द्रौपदी मुर्मू... बंद कमरे में आधे घंटे हुई बात... राष्ट्रपति चुनाव में टूटीं दलीय सीमाएं
Presidential Election 2022 द्रौपदी मुर्मू सोमवार को वोट मांगने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के घर पहुंच गईं। मुख्यमंत्री ने भी उनकी खूब आव-भगत की। उनके आगमन पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जोहार भगवान बिरसा मुंडा की धरती पर आपका स्वागत है।
रांची, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर देशभर में तमाम दलों से समर्थन के लिए भ्रमण कर रहीं राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू सोमवार को यहां आई तो दलीय सीमा टूटती नजर आई। राजग के विधायकों और सांसदों के साथ बैठक के बाद वे मुख्यमंत्री सह झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के सरकारी आवास पहुंचीं। यहां उन्होंने मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन से मुलाकात की और उनका समर्थन मांगा। उनके स्वागत में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पलकें बिछाई। धनबाद में कार्यक्रम समाप्त कर वे जल्दबाजी में लौटे और द्रौपदी मुर्मू की खातिरदारी की तैयारियों में जुट गए। आगे बढ़कर उन्होंने उनकी आगवानी की।
भाजपा नेताओं का खुले दिल से किया स्वागत
इसके साथ ही उनके साथ आए केंद्रीय मंत्रियों अर्जुन मुंडा, अन्नपूर्णा देवी, अर्जुन राम मेघवाल और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश का खुले दिल से स्वागत किया। बंद कमरे में सभी नेताओं ने लगभग आधे घंटे बातचीत की। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने फिलहाल आधिकारिक तौर पर राष्ट्रपति चुनाव में राजग अथवा विपक्ष के प्रत्याशी का साथ देने की घोषणा नहीं की है, लेकिन उसके राजग के समर्थन में जाने के पूरे आसार हैं। हेमंत सोरेन ने इस संबंध में दिल्ली जाकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की है। हालांकि मोर्चा ने विपक्ष का साझा प्रत्याशी चयनित करने के लिए बुलाई गई बैठक में हिस्सेदारी की थी, लेकिन यशवंत सिन्हा के नामांकन समारोह से दूरी बनाई। सोमवार को द्रौपदी मुर्मू के आगमन से पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके कहा - भगवान बिरसा की पावन धरती पर उनका हार्दिक स्वागत है। वह झारखंड आ रही हैं। हमारी ओर से उन्हें शुभकामना और जोहार।
शुरू से ही द्रौपदी मुर्मू के प्रति रहा झुकाव
द्रौपदी मुर्मू के प्रति झारखंड मुक्ति मोर्चा का झुकाव राजनीतिक मजबूरी भी कहा जा सकता है। मोर्चा आदिवासी केंद्रित राजनीति करता है। यह भी चर्चा है कि द्रौपदी मुर्मू को समर्थन के बहाने हेमंत सोरेन भाजपा के करीब जाना चाहते हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से उनकी हालिया मुलाकात को इसी के तहत देखा जा रहा है। इसके अलावा झारखंड मुक्ति मोर्चा का ओडिशा लिंक भी महत्वपूर्ण है। हेमंत सोरेन का ससुराल ओडिशा में है। इसके अलावा मोर्चा वहां आदिवासी बहुल इलाकों में चुनावों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती है। राज्य में उसके सांसद और विधायक रह चुके हैं। हेमंत सोरेन की भाभी विधायक सीता सोरेन भी ओडिशा से ताल्लुक रखती हैं। हेमंत सोरेन की बहन अंजलि सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओडिशा इकाई की अध्यक्ष हैं।