डॉ. हरिओम का नामांकन पत्र रद, डॉ. मुकुंद व डॉ. आशीष के बीच सीधा मुकाबला
रांची विवि के सीनेट चुनाव में प्रत्याशी डॉ. हरिओम पांडेय का नामांकन रद कर दिया गया। विभागाध्यक्ष होने के कारण रद किया गया।
जागरण संवाददाता, रांची : रांची विवि के सीनेट चुनाव में प्रत्याशी डॉ. हरिओम पांडेय का नामांकन पत्र रिजेक्ट कर दिया गया। अब सीधा मुकाबला डॉ. मुकुंद चंद मेहता व डॉ. आशीष झा के बीच होगा। शनिवार को चुनाव कोर कमेटी ने नामांकन पत्र की स्क्रूटनी के क्रम में डॉ. पांडेय की उम्मीदवारी को यह कहते हुए रद कर दिया कि वे वर्तमान में विभागाध्यक्ष हैं और विवि एक्ट में इस पद पर रहते हुए सीनेट चुनाव में प्रत्याशी नहीं हो सकते। चुनाव 16 एवं 18 फरवरी को मोरहाबादी के मानविकी बिल्डिंग बी में निर्धारित है। दो प्रत्याशी, 45 मतदाता : डॉ. हरिओम पांडेय ने पीजी साइंस व कॉमर्स कैटेगरी से नामांकन दाखिल किया था। इस कैटेगरी के लिए तीन नामांकन पत्र दाखिल हुआ था। डॉ. पांडेय का नामांकन पत्र रिजेक्ट होने के बाद मुकाबला त्रिकोण से सीधा हो गया है। चुनाव 11 पदों के लिए होना है। इसमें सबसे कड़ा और रोचक मुकाबला इसी पद के लिए था। डॉ. पांडेय का पर्चा रिजेक्ट होने के बाद अब साइंस व कॉमर्स के वोटर पूर्व सीनेटर डॉ. मुकुंदचंद मेहता और पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ. आशीष झा के पक्ष में गोलबंद होंगे। इसमें कुल 45 मतदाता हैं। क्या है एक्ट में
झारखंड विश्वविद्यालय अधिनियम 18 (16)(बी) में उल्लेखित है कि सीनेट चुनाव में विभागाध्यक्ष या डीन को छोड़कर वैसे सभी शिक्षक उम्मीदवार हो सकते हैं जिनकी सेवा पांच वर्ष पूरी हो गई हो। नहीं थी एक्ट की जानकारी
डॉ. हरिओम पांडेय ने कहा कि उन्हें इस एक्ट की जानकारी नहीं थी। नामांकन पत्र देने के समय ही इस एक पृष्ठ के अधिनियम की कॉपी उपलब्ध करा देनी चाहिए थी। कहा जा रहा है प्रशासनिक पद पर बैठे व्यक्ति उम्मीदवार नहीं हो सकते हैं तो ऐसे में मेरा नाम भी वोटर लिस्ट में नहीं होना चाहिए।