Terror Funding: दुर्गापुर के कोयला कारोबारी सोनू अग्रवाल पर कसेगा NIA का शिकंजा
Terror Funding. सोनू अग्रवाल पर टीएसपीसी को 25 करोड़ रुपये फंडिंग की जानकारी गिरफ्तार आरोपितों के बयान में दी गई है।
रांची, राज्य ब्यूरो। चतरा जिले के टंडवा स्थित मगध व आम्रपाली कोयला परियोजना से टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) अब कोयला कारोबारी सोनू अग्रवाल तक पहुंच चुकी है। वह दुर्गापुर का रहने वाला है। उसका लातेहार के बालूमाथ व आम्रपाली तथा मगध परियोजना में कोयला ट्रांसपोर्टिंग का कारोबार है।
एनआइए की छानबीन में यह जानकारी सामने आई है कि सोनू अग्रवाल ने कोयला कारोबार के दौरान तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के नक्सलियों को 25 करोड़ रुपये की फंडिंग की है।
एनआइए को यह जानकारी पूर्व में गिरफ्तार आरोपितों के धारा 164 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत दिए गए बयान में मिली है, जिसकी पड़ताल जारी है। कोयला कारोबारी सोनू अग्रवाल की पुलिस-प्रशासन में भी अच्छी पकड़ है। उसने धनबाद व दुर्गापुर में अंगरक्षक ले रखा है। टीएसपीसी के नक्सली आक्रमण से सोनू अग्रवाल के कर्मियों की मिलीभगत की सूचना एनआइए को मिली है, जिसके आधार पर अब सोनू अग्रवाल तक एनआइए पहुंचने की तैयारी में है।
टेरर फंडिंग के इस मामले में एनआइए अब तक 14 आरोपितों के विरुद्ध पूर्व में ही चार्जशीट फाइल कर चुकी है। जिनके विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की गई है, उनमें आधुनिक पावर के महाप्रबंधक संजय कुमार जैन, ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू सिंह, मास्टरमाइंड सुभान खान, तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के उग्रवादी बिंदेश्वर गंझू उर्फ बिंदु गंझू, आक्रमण उर्फ कोहराम जी उर्फ नेता जी, प्रदीप राम आदि शामिल हैं।
एनआइए ने अबतक टेरर फंडिंग के इस मामले में सात आरोपितों को गिरफ्तार किया था। एनआइए ने दाखिल चार्जशीट में बताया था कि आरोपितों ने कोयला तस्करी करवाकर टीएसपीसी के उग्रवादियों को फंड मुहैया कराने में सहयोग किया। टीएसपीसी के उग्रवादियों को लेवी देने के लिए ही उग्रवादी आक्रमण जी उर्फ नेता जी की अनुशंसा पर ऊंची दर पर ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू ने कोयला ढुलाई का ठेका लिया था। ऊंची दर पर ली गई राशि का अधिकांश हिस्सा ठेकेदार के माध्यम से टीएसपीसी के नक्सलियों तक पहुंच रहा था।
टेरर फंडिंग के रूप में मोटी रकम के ट्रांजेक्शन की हुई है पुष्टि
एनआइए के अनुसंधान में इस बात का खुलासा हुआ है कि टंडवा के मगध व आम्रपाली कोयला परियोजना से टेरर फंडिंग के रूप में मोटी रकम का ट्रांजेक्शन हुआ। सीसीएल, पुलिस, उग्रवादी और शांति समिति के बीच समन्वय बैठाने की आड़ में करोड़ों रुपये की हेराफेरी हुई। इस मामले में पूर्व में टंडवा थाने में प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी। इसी केस को एनआइए ने टेकओवर करते हुए नई प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद से ही एनआइए एक-एक कर इस टेरर फंडिंग में शामिल आरोपितों की गिरफ्तारी और उनके विरुद्ध कार्रवाई कर रही है।