कुत्ते को रखें साफ वर्ना महंगा पड़ेगा शौक
यदि आपको कुत्ता पालने का शौक है तो इसे हमेशा साफ सुथरा रखें। हर छह माह में कृमिनाश दवा खिलाए। रिम्स में एक ताजा मामला आया है, चिकित्सकों के अनुसार कुत्ते की वजह मरीज के दिमाग में शिस्ट बन गया।
रांची : यदि आपको कुत्ता पालने का शौक है तो इसे हमेशा साफ सुथरा रखें। हर छह माह में कृमिनाशक दवा भी खिलाएं। वर्ना आपका यह शौक मंहगा साबित हो सकता है। यह बात रिम्स के डॉ. सीबी सहाय ने कही। दरअसल धनबाद का एक मरीज इलाज कराने रिम्स पहुंचा। उसकी गंभीर बीमारी को देख उन्होंने ऐसा संदेश दिया है। डोमचांच का वारिस अंसारी नामक किशोर (14 साल) को इलाज के लिए रिम्स लाया गया। उसे मिर्गी का दौरा पड़ता था। सिरदर्द एवं बार -बार उल्टी की भी शिकायत थी। सिर में शिस्ट बन गया था। शरीर के दाहिने हिस्से में पक्षाघात का अटैक हुआ था। रिम्स में इलाज कराने डॉ. सीबी सहाय के पास पहुंचा। उन्होंने पाया कि बच्चे को हाइडेटिड शिस्ट है। यह शिस्ट एक तरह का फीता कृमि (टेप वार्म) है जो कुत्तों में पाया जाता है। कुत्ता घरों में सोफा पर बैठ जाता है। मैट पर, कार में एवं अन्य जगहों पर बैठ जाता है। उसके शौच के साथ टेप वार्म का अंडा सटा रहता है। बच्चे कुत्ते को हाथ लगाते हैं। हाथ ठीक से धोए बगैर खाना का लेते हैं। वार्म उनके पेट में चला चला जाता है। फिर लीवर में एवं रक्त से होते हुए ब्रेन में पहुंच जाता है। यहां पहुंचकर यह शिस्ट बनाने लगता है। वारिस अंसारी के साथ यही हुआ था। उसके सिर में शिस्ट बनने से उसकी परेशानी बढ़ी हुई थी। डॉ. सहाय ने पिछले सोमवार को उसका ऑपरेशन किया। अभी तक मरीज ठीक ठाक है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि कुत्ते को पालते हैं तो इसकी ठीक से देखभाल करें। इसे साफ सुथरा रखें। कुत्ते को हर छह माह में एलबेंडाजोल का टेबलेट खिलाएं। ताकि वार्म न पनप सके। चिकित्सक ने लोगों को कुत्तों के अधिक संपर्क में नहीं रहने की भी अपील की है।