हर्ष मंगला के कड़े रुख के बाद रिम्स के डॉक्टरों में खलबली
राची : ड्यूटी रोस्टर और बायोमीट्रिक अटेंडेंस को लेकर अपर निदेशक प्रशासन के द्वारा सख्त रूख अपनाने से रिम्स के चिकित्सकों में खलबली मची है।
राची : ड्यूटी रोस्टर और बायोमीट्रिक अटेंडेंस को लेकर अपर निदेशक प्रशासन के द्वारा सख्त रुख अपनाए जाने के बाद रिम्स के डॉक्टरों में खलबली मची है। उनका कहना है कि वह समय सीमा में बंध कर काम नहीं कर सकते। शनिवार को रिम्स में डॉक्टरों की ओर से दबाव बनाने के लिए फिर से हड़ताल किए जाने की बाबत चर्चा जोरों पर रही। लेकिन सरकार और प्रबंधन के कड़े रुख के कारण कोई भी खुलकर सामने आने की हिम्मत नहीं कर रहा है।
इस बारे में जब रिम्स के डॉक्टरों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि रजिस्टर के हिसाब से वह नहीं चल सकते। क्योंकि कई बार इमरजेंसी में भी उन्हें काम करना पड़ता है। डॉक्टर के प्रोफेशन को कागज के सहारे नहीं चलाया जा सकता है। कई बार ड्यूटी के बाद भी उन्हें अतिरिक्त समय देना पड़ता है। कई लोगों ने साफ तौर पर कहा दफ्तरी नजरिए से अस्पताल नहीं चलता। बताते चलें कि डॉक्टर अपर निदेशक प्रशासन हर्ष मंगला के सख्त रुख के विरोध में सोमवार को रिम्स टीचर्स एसोसिएशन के बैनर तले मीटिंग करने वाले हैं। लेकिन इस बारे में खुद कई डॉक्टर यह भी कह रहे हैं कि हड़ताल वाली बात और नजरिया सही नहीं है। अगर कोई सही काम कर रहा है तो उसका समर्थन करना चाहिए क्योंकि उसका मकसद सही है। पिछले दो-तीन जून को रिम्स में स्ट्राइक के बाद व्यवस्था सुधारने के लिए सरकार की ओर से अपर निदेशक प्रशासन हर्ष मंगला की नियुक्ति की गई थी। इसके बाद हर्ष मंगला द्वारा लगातार विभागों का निरीक्षण किया जा रहा है। इसके बाद से कई खामिया भी उजागर हुई हैं। जून की हड़ताल के बाद सरकार के सख्त रुख को देखते हुए कोई भी आदमी खुलकर अपनी बात नहीं रख रहा है। ऐसे में अब सोमवार को डॉक्टरों की होने वाली बैठक के बाद ही पूरा दृश्य साफ हो पाएगा।
------- आइएएस कैसे जानेंगे मेडिकल की बात
कई डॉक्टरों का कहना है कि एक आइएएस मेडिकल प्रोफेशन को कैसे समझ सकता है। पहले भी पूजा सिंघल की नियुक्ति हुई थी और उस समय भी काफी विवाद हुआ था। इसके बाद उन्हें हटना पड़ा था।