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कुछ करिए हुजूर, मंहगाई 'डायन' खाए जात है

कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण सेवा से लेकर खाद्य सामग्रियां लगातार महंगी होती जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 01:56 AM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 01:56 AM (IST)
कुछ करिए हुजूर, मंहगाई 'डायन' खाए जात है
कुछ करिए हुजूर, मंहगाई 'डायन' खाए जात है

जागरण संवाददाता, रांची : कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण सेवा से लेकर खाद्य सामग्रियां लगातार महंगी होती जा रही है। अनलॉक में जैसे-जैसे बाजार खुले, वैसे-वैसे मंहगाई बढ़ती गई। विशेषकर मसाले व ड्राई फ्रूट्स की कीमत बढ़ रही है। शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए इसकी खपत अधिक हो रही है। इसके अलावा दाल-सब्जी से लेकर ब्रश और दंत मंजन तक के दाम बढ़े हैं। अनलॉक में जहां माल की आपूर्ति सहज हुई है, वहीं कंपनियों में भी काम धीरे-धीरे तेजी पकड़ रहा है। ऐसे में कीमत कम होनी चाहिए थी। लेकिन, हो रहा है इसके उल्टा। व्यापारियों और उद्यमियों के पास कीमत में वृद्धि की कोई खास वजह नहीं है। आर्थिक तंगी से गुजर रहे आम लोगों के लिए मंहगाई कोढ़ में खाज बनती जा रही है। चुपके से दाम बढ़ा रही हैं एफएमसीजी कंपनियां:

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एफएमसीजी (फास्ट मूविग कंज्यूमर गुड्स) कंपनियां भी अपने उत्पाद के दाम बढ़ा रही है। पिछले दो महीने में टूथ पेस्ट की कीमत में औसत 5-10 प्रतिशत, चाय पत्ती में 10-20 प्रतिशत, टेलकम पाउडर में 10 प्रतिशत, लिक्विड सोप में 15-20 प्रतिशत, शैंपू के बड़े पैक की कीमत में 10 प्रतिशत, कपड़ा धोने के डिटर्जेंट की कीमत में 5 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

ये सारे ऐसे प्रोडक्ट हैं जिनकी मांग कोरोना संक्रमण के दौरान बढ़ी है। इधर, एफएमसीजी कंपनियां कोरोना के कारण कॉस्ट कटिग के नाम पर कर्मचारियों को निकालने के साथ वितरकों का मुनाफा भी कम कर रही है। जैसे एक सौंदर्य क्रीम बेचने पर वितरक को 8.20 रुपये और दुकानदार को 12.90 रुपये की बचत होती थी। अब कंपनी ने कास्ट कटिग के नाम पर वितरक और दुकानदार की मार्जिन को कम कर दिया है। साथ ही माल ज्यादा से ज्यादा निकालने का दबाव भी बनाया जा रहा है। ऐसे में खुदरा व्यापारी भी परेशान हैं। 20 प्रतिशत तक बढ़े मसालों की कीमत

कोरोना काल में दाल और सब्जी में तड़का लगाना भी महंगा हो गया है। लॉकडाउन से पहले और अनलॉक में मसालों की कीमत में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। व्यापारी कहते हैं कि मांग में 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मसालों को उपयोग काढ़ा बनाने में खूब हो रहा है। मसाला की थोक उत्पादक मंडियों में दाम बढ़ने के कारण खुदरा में भी तेजी आई है। मेवों के दाम में वृद्धि लगातार जारी है। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इसकी मांग काफी बढ़ी है। सैलून में कट रही जेब

लॉकडाउन में करीब पांच महीने के बाद सैलून खोलने की इजाजत मिली। पांच महीने की बंदी के बाद जब लोग सैलून पहुंचने लगे तो बाल काटने से लेकर अन्य सेवाओं की कीमत बढ़ गई। सैलून मालिकों का कहना है कि पांच महीने घर पर बैठकर उधार का खाएं है, उसे चुकाना है। उपर से संक्रमण से बचाव के लिए सैनिटाइजर आदि का खर्च भी बढ़ा है। ऐसे में दाम बढ़ाना मजबूरी है। हालांकि शहर के ज्यादातर सैलूनों में कोविड गाइडलाइन का पालन न के बराबर हो रहा है। एक ही कंघी, कैंची यहां तक कि एक ही कपड़े का इस्तेमाल कई ग्राहकों के लिए किया जा रहा है। कोकर के अरविद ठाकुर कहते हैं कि केवल हमने रेट नहीं बढ़ाया सैलून में इस्तेमाल होने वाले हर चीज के दाम में वृद्धि हुई है। ऐसे में पहले बाल 40 रुपये में काटते थे, अब 50 रुपये लेना मजबूरी है। इधर, हरमू, अशोक नगर सहित कई अन्य इलाकों में बाल काटने के लिए 100 रुपये तक लिया जा रहा है। थोक में ही मंहगें हैं अनाज

लॉकडाउन में खाद्यान की आवक कम थी, लेकिन कीमत बढ़ी नहीं थी। अनलॉक में धीरे-धीरे थोक और खुदरा दोनों बाजारों में वस्तुओं की कीमतें बढ़ने लगीं। थोक व्यापारियों का कहना है कि माल महंगा आ रहा है। वहीं खुदरा व्यापारियों का कहना है कि डीजल महंगा हुआ तो माल भाड़ा 10 प्रतिशत तक बढ़ गया है। ऐसे में इसका बोझ ग्राहकों पर डालना मजबूरी है। यही कारण है कि थोक व खुदरा बाजार में सामान की कीमतों में काफी अंतर है। थोक बाजार की बात करें तो अप्रैल से अभी तक केवल सरसों तेल की कीमत में 30 रुपये का इजाफा हुआ है। वहीं आटा, दाल, चावल, चीनी आदि की कीमतें भी लगातार बढ़ी है।

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मसाला- पहले की कीमत- वर्तमान कीमत (रुपये/किलो) (खुदरा भाव)

जीरा-220-240= 260-280

काली मिर्च- 420-450= 450-500

बड़ी इलायची-600-800=650-850

दालचीनी- 750-800= 870-920

हल्दी- 180-200= 260-320

मिर्च- 100-120=140-160

धनिया- 150-190= 190-210

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मेवा- पहले की कीमत वर्तमान कीमत (किलो/रूपए)(खुदरा भाव)

काजू-120-180= 170-200

पिस्ता-1200-1300= 1650-1800

बादाम- 600-680= 700-800

किशमिश-240-270=250-280

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राशन- 14 अप्रैल की कीमत-19 सितंबर की कीमत (थोक कीमत रुपये प्रति किलो)

आटा- 26- 28

चावल- 41- 46(फाइन)

चावल- 29- 32(मीडियम)

चावल- 25- 28(लो)

चना दाल- 60-70

अरहर दाल- 83- 90

मसूर दाल- 70-72

मूंग दाल-95-107

चीनी-36-40

सरसो तेल-101- 130(धनुष)

सरसो तेल- 108- 136(हाथी)

रिफाइन-102- 106(फॉर्चुन)

रिफाइन- 98- 102(महाकोष)


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