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Happy Diwali: दीपावली पर समूचे झारखंड में खुशियां-उल्‍लास, CM रघुवर दास ने दी शुभकामना; जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

37 सालों के बाद दीपावली के अवसर पर विशेष संयोग बन रहा है। रविवार (सूर्यदेव का दिन) चित्रा नक्षत्र और अमावस्या का अद्भुत और महासंयोग पर ह्रदय से लक्ष्मी पूजा करने वालों पर मां की कृपा बरसेगी।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 27 Oct 2019 08:09 AM (IST)Updated: Sun, 27 Oct 2019 01:52 PM (IST)
Happy Diwali: दीपावली पर समूचे झारखंड में खुशियां-उल्‍लास, CM रघुवर दास ने दी शुभकामना; जानें पूजा का शुभ मुहूर्त
Happy Diwali: दीपावली पर समूचे झारखंड में खुशियां-उल्‍लास, CM रघुवर दास ने दी शुभकामना; जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

रांची, जेएनएन। Happy Diwali दिवाली पर समूचे झारखंड में खुशियां मनाई जा रही हैं। उल्‍लास के माहौल में हर कोई अपने सगे-संबंधियों और दोस्‍तों को प्रकाश पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दे रहा है। सुबह से घरों में त्‍योहारी माहौल में रंगोलियां बनाई जा रही है। धन-धान्‍य और सुख-समृद्धि की कामना के साथ घरों-कार्यालयों-प्रतिष्‍ठानों को आकर्षक तरीके से सजाया गया है। झारखंड के मुख्‍यमंत्री रघुवर दास ने राज्‍य के लोगों को त्‍योहार की शुभकामनाएं दी हैं।

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सीएम रघुवर दास ने दी शुभकामना

सीएम रघुवर दास ने झारखंडवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं दी है। उन्‍होंने टि्वटर पर अपने संदेश में लिखा- आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं I मां लक्ष्मी की कृपा से आपके जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली आये I झारखण्ड विकास के पथ पर अग्रसर रहे, गरीबी मुक्त, समृद्ध और विकसित झारखण्ड का निर्माण हो, मां लक्ष्मी से यही प्रार्थना है।

37 सालों के बाद विशेष संयोग

37 सालों के बाद इस साल विशेष संयोग बन रहा है।रविवार (सूर्यदेव का दिन), चित्रा नक्षत्र और अमावस्या का अद्भुत और विशेष योग है। इस महासंयोग पर ह्रदय से लक्ष्मी पूजा करने वालों पर मां की कृपा बरसेगी। यहां जानें दिवाली पर विशेष पूजा मुहूर्त के बारे में ...

सिंह लग्न में करें मां लक्ष्‍मी की पूजा

  • मां की पूजा गोधुली लग्न, वृष लग्न, मिथुन लग्न, कन्या लग्न और सिंह लग्न में सर्वश्रेष्ठ
  • कुंडली के ग्रहों को अनुसार पूजा करने का विशेष फल
  • सिंह लग्न को माना जाता है मां लक्ष्‍मी पूजन के लिए सबसे उत्‍तम और स्थिर लग्न
  • स्थिर लग्न में पूजा करने से मां की विशेष कृपा, चीर काल तक भक्त के घरों में निवास करती हैं मां लक्ष्‍मी

मां लक्ष्‍मी पूजन के लिए जानें लग्‍न समय

  • धनु लग्न सुबह 9:45 - 11:45 बजे
  • कुंभ लग्न दोपहर 1:15 - 2:45 बजे
  • गोधुली लग्न शाम 4:00 - 5:45 बजे
  • वृष लग्न शाम 6:45 - 7: 45 बजे
  • मिथुन लग्न शाम 7:45 - 9:45 बजे
  • सिंह लग्न रात्रि 3:00 - 4:45 बजे

शरद पूर्णिमा को शरीर धारण कर धरती पर आती हैं मां लक्ष्मी

ऐसी मान्‍यता है कि शरद पूर्णिमा को मां लक्ष्‍मी शरीर धारण कर धरती पर आती हैं। इसके बाद देवउठान एकादशी तक वे धरती पर ही रहती हैं। इस क्रम में भक्त माता को प्रसन्न कर सकते हैं।

कमल-उल्‍लू दो आसनों पर विराजती हैं मां लक्ष्मी

माता लक्ष्मी के दो आसन हैं, कमल और उल्लू। भक्त माता के दोनों रूपों की पूजा करते हैं। कमलासन माता लक्ष्मी भक्तों के घरों में चीर काल तक निवास करती हैं। इस दिन जो भी भक्त हल्दी, लाल कमल, कनकधारा स्त्रोत, और श्री सूक्त से पूजा करते हैं, उनपर मां की कृपा बरसती है।


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