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योग्य पुलिस अधिकारियों-कर्मियों को राष्‍ट्रपति पदक मिलने में रोड़ा, जिलों ने अब तक नहीं दी मुख्‍यालय को सूची

Jharkhand Police News Hindi News पांच अक्टूबर तक हर हाल में देने का आदेश हुआ था। जिलों ने अब तक राष्ट्रपति पदक के योग्य पुलिस अधिकारियों-कर्मियों की सूची नहीं दी है। आइजी मानवाधिकार ने फिर जिलों को चिट्ठी भेजी है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 09:27 AM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 09:33 AM (IST)
योग्य पुलिस अधिकारियों-कर्मियों को राष्‍ट्रपति पदक मिलने में रोड़ा, जिलों ने अब तक नहीं दी मुख्‍यालय को सूची
Jharkhand Police News, Hindi News पांच अक्टूबर तक हर हाल में देने का आदेश हुआ था।

रांची, राज्य ब्यूरो। अगले साल गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति के हाथों मिलने वाले सराहनीय सेवा व विशिष्ट सेवा पदक के लिए जिलों ने अब तक पुलिस मुख्यालय को अपनी रिपोर्ट नहीं दी है। जिलों को पांच अक्टूबर तक हर हाल में पुलिस मुख्यालय को सूची उपलब्ध कराने का आदेश हुआ था। अब तक सूची नहीं मिलने के बाद आइजी मानवाधिकारी अखिलेश कुमार झा ने एक बार फिर जिलों को पत्राचार कर योग्य पुलिस पदाधिकारियों-कर्मियों की सूची मांगी है, ताकि उसे ससमय केंद्रीय गृह मंत्रालय को उपलब्ध कराया जा सके।

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आइजी मानवाधिकारी ने सभी जिला व इकाइयों को त्रुटिरहित मनोनयन उपलब्ध कराने के लिए कहा है। उनसे ऐसे पदाधिकारियों-कर्मियों के बारे में 10 साल की सेवा अवधि का रिकार्ड, गोपनीय रिपोर्ट, सत्यनिष्ठा प्रमाण पत्र, चिकित्सा प्रमाण पत्र, पदक प्रदान किए जाने संबंधी दिशा-निर्देश, सेवा अभिलेख प्रपत्र, निगरानी विभाग का स्वच्छता प्रमाण पत्र संलग्न कर भेजने का निर्देश दिया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गत माह 10 सितंबर को ही झारखंड सरकार के गृह विभाग व पुलिस मुख्यालय को पत्राचार कर योग्य पदाधकारियों-कर्मियों का मनोनयन मांगा था। पुलिस मुख्यालय ने 20 सितंबर को सभी जिलों के एसएसपी-एसपी व इकाई प्रमुखों को पत्र भेजकर अनुशंसा भेजने के लिए कहा था। एक बार फिर पत्राचार किया गया है।

टीएसपीसी ने प्रेम सांगर मुंडा की हत्या से किया इन्कार

उग्रवादी संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) ने चतरा के पिपरवार निवासी प्रेम सांगर मुंडा की हत्या व बबलू मुडा पर जानलेवा हमले से इन्कार किया है। टीएसएपीसी के मध्य सब जोनल कमेटी के प्रवक्ता सचिन ने बुधवार को एक बयान जारी कर बताया कि पुलिस ने उग्रवादी संगठन टीएसपीसी को बदनाम करने के लिए इस घटना में पार्टी का नाम जोड़ा है। जो गिरफ्तार किए गए हैं, वे पांच-छह साल पहले पार्टी से निकाले जा चुके हैं। प्रेम सांगर मुंडा व बबलू मुंडा टीएसपीसी से जुड़े रहे हैं। हाल के दिनों में पार्टी के भीतर आपसी मनमुटाव हुआ है, इसका मतलब यह नहीं हुआ कि टीएसएपीसी ने उनकी हत्या की और हमला किया।


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