पूर्व डीजीपी डीके पांडेय व उनकी बहू के बीच मध्यस्थता से सुलझा विवाद, लगाए थे यह आरोप
Jharkhand News डालसा के सचिव ने कहा कि दोनों पक्ष आपसी रजामंदी से केस समाप्त करने को तैयार हुए। बता दें कि पूर्व डीजीपी की बहू रेखा मिश्रा ने महिला थाने में सास ससुर व पति के खिलाफ प्रताड़ित करने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
रांची, जासं। झारखंड के पूर्व डीजीपी डीके पांडेय व उनकी बहू के बीच विवाद का मध्यस्थता से निपटारा कर लिया गया है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) के विशेषज्ञ मध्यस्थ नीलम शेखर ने विवाद निपटारे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दोनों पक्षों से कई राउंड की बातचीत के बाद विवाद समाप्त हो गया है। डालसा के सचिव अभिषेक कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों पक्ष विवाद समाप्त करने को तैयार हो गए।
बता दें कि पूर्व डीजीपी के बेटे शुभांकर पांडेय की पत्नी रेखा मिश्रा ने 27 जून को महिला थाने में सास, ससुर व पति के खिलाफ प्रताड़ित करने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। 20 जुलाई को पूर्व डीजीपी की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत पर सुनवाई के दौरान अदालत ने मामले को मध्यस्थता के लिए स्थानांतरित कर दिया था। मध्यस्थता ऑनलाइन हुई है। जब केस मध्यस्थता केंद्र स्थानांतरित किया गया, तब लॉकडाउन लगा हुआ था। डालसा सचिव के निर्देश से ऑनलाइन मध्यस्थता हुई। अपर न्यायायुक्त डीके पांडेय की अदालत में मामले की सुनवाई चल रही है। वहीं से केस मध्यस्थता केंद्र भेजा गया था।
लगाए थे यह आरोप
रेखा मिश्रा ने प्राथमिकी में दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए कानून सम्मत कार्रवाई करने का आग्रह किया था। प्राथमिकी में रेखा मिश्रा ने बताया था कि 3 साल पहले उनकी शादी झारखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक डीके पांडेय के बेटे शुभांकर पांडेस से हुई थी। शादी के बाद से ही ससुराल वाले दहेज की मांग को लेकर ताना देने लगे। साथ ही मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा। इससे तंग आकर वह अपने मायके में रहने लगी। रेखा मिश्रा ने अपनी प्राथमिकी में पति को समलैंगिक बताया था।