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केंद्र और झारखंड सरकार में बढ़ सकती है तकरार, हेमंत सोरेन ने असहयोग का लगाया है आरोप

Jharkhand Political Update. बदले राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार तेज हुआ है। हेमंत सिर्फ भाजपा शासित राज्यों को साथ देने का आरोप लगा रहे हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 02:57 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 02:57 PM (IST)
केंद्र और झारखंड सरकार में बढ़ सकती है तकरार, हेमंत सोरेन ने असहयोग का लगाया है आरोप
केंद्र और झारखंड सरकार में बढ़ सकती है तकरार, हेमंत सोरेन ने असहयोग का लगाया है आरोप

रांची, राज्य ब्यूरो। महज पांच माह पहले भाजपा को हराकर झारखंड की सत्ता पर काबिज हुआ झामुमोनीत गठबंधन केंद्र सरकार के मत्थे कमियों का ठीकरा फोड़कर राजनीति करने की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार केंद्र पर असहयोग का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने जीएसटी कंपनसेशन से लेकर भारी भरकम खनन रायल्टी के बकाये की दावेदारी करते हुए केंद्र को निशाने पर लिया है। उनका आरोप यह भी है कि केंद्र सरकार कोरोना संकट काल में बैकडोर से सिर्फ भाजपा शासित राज्यों की सरकारों का सहयोग कर रही है। हेमंत सोरेन के हमलावर रुख से आने वाले दिनों में केंद्र व राज्य के बीच तकरार बढऩे की उम्मीद है।

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तनातनी की ऐसी स्थिति में झारखंड में चल रही केंद्रीय योजनाएं खासकर राष्ट्रीय उच्च पथ और रेल योजनाएं बाधित हो सकती है। फिलहाल राज्य में राष्ट्रीय उच्च पथ की 12 योजनाएं चल रही है। इसके अलावा केंद्रीय सहायता में भी अड़चन आ सकती है। इसका सीधा असर राज्य की सेहत पर पड़ेगा। प्रतिद्वंद्वी भाजपा भी किसी स्तर पर ढिलाई नहीं छोडऩा चाहती। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी समेत पूरा कुनबा घेराबंदी में जुटा है। मरांडी रोजाना अलग-अलग मुद्दों पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ताकीद करते हैं।

फिलहाल नहीं हो रहा कुछ हासिल

खनन रायल्टी और जीएसटी कंपनसेशन के राज्य सरकार के दावे पर भी फिलहाल कुछ हासिल होता नहीं दिख रहा है। केंद्रीय रेल सह वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने तो खनन रायल्टी की दावेदारी पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने बकाये के दावे को तथ्यहीन करार दिया है। उन्होंने मशविरा दिया है कि सिर्फ राजनीतिक मुद्दों को उठाने की बजाय सरकार को उद्योग-धंधे का विस्तार करना चाहिए।

हाल ही में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दावा किया था कि विभिन्न मदों में राज्य सरकार का केंद्र सरकार पर 70 से 80 हजार करोड़ रुपये तक का बकाया है। उनका यह भी कहना था कि कोरोना संकट काल में इन मुद्दों को ज्यादा तूल नहीं देना चाहते लेकिन आने वाले दिनों में तमाम बातें राजनीतिक मंचों से उठेगी। हेमंत सोरेन के रूख से ऐसा प्रतीत होता है कि वे राज्य हित के मसले पर केंद्र से दो-दो हाथ करने का मंसूबा बनाए बैठे हैं। आने वाले दिनों में यह और तेज होने की संभावना है।


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