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जर्जर थे फ्लैट तो लॉटरी क्यों निकाली?

लॉटरी निष्पादन के बीच में ही फ्लैट को जर्जर करार देने पर विभाग गंभीर, बोर्ड को जवाब नहीं सूझ रहा, लोगों को फ्लैट आवंटन के बाद जाकर पता चला।

By Edited By: Published: Fri, 11 May 2018 11:54 AM (IST)Updated: Fri, 11 May 2018 12:01 PM (IST)
जर्जर थे फ्लैट तो लॉटरी क्यों निकाली?
जर्जर थे फ्लैट तो लॉटरी क्यों निकाली?

आशीष झा, रांची : झारखंड राज्य आवास बोर्ड अपने कारनामों से बाज नहीं आएगा। एक बार फिर लॉटरी से लोगों को फ्लैट आवंटन के बाद खेल का खुलासा होने लगा है। बोर्ड ने जितने फ्लैट को बेचने के लिए लॉटरी निकाली थी उनमें से लगभग 90 फीसद बिके ही नहीं। वही फ्लैट बिके जिन्हें खरीदने के लिए लोग तैयार हुए। और सुनिए, कुछ ऐसे फ्लैट भी थे जो विज्ञापन निकलने और लॉटरी होने के बीच लगभग छह महीने में ही जर्जर हो गए। ऐसे एक-दो नहीं डेढ़ दर्जन फ्लैट थे। शिकायत पहुंचने के बाद आवास विभाग सक्रिय हुआ और अधिकारियों से इस संदर्भ में जवाब देने को कहा गया है। हालांकि आवास बोर्ड को कोई जवाब नहीं सूझ रहा।

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आवास विभाग ने बोर्ड से पूछा है कि फ्लैटों की बिक्री के लिए विज्ञापन निकालने के पूर्व इनकी स्थिति पर रिपोर्ट क्यों नहीं ली गई थी? इस बात की भी जानकारी मांगी गई है कि किस अधिकारी ने बिक्री के लिए फ्लैटों की सूची को अंतिम रूप दिया और फिर किसने इन्हें जर्जर करार देने की प्रक्रिया शुरू की? मामले में आवास बोर्ड के सचिव से जवाब तलब किया गया है। अब बोर्ड में फाइल चौखट-दर-चौखट घूम रही है। सचिव के कार्यालय से भू-संपदा पदाधिकारी के कार्यालय तक, वहां से कार्यपालक अभियंता के ऑफिस तक। दो सप्ताह पूरे होने को आए लेकिन जवाब नहीं मिल रहा। इसके पूर्व भी आवास बोर्ड की लॉटरी के बाद ऐसे ही कारनामों के कारण लॉटरी का परिणाम बाधित रहा है और इस दफा भी कुछ ऐसे ही लक्षण हैं।

झारखंड राज्य आवास बोर्ड 2011 में हुई लॉटरी के विजेता लोगों को भी अभी तक फ्लैट अथवा भूखंड मुहैया नहीं करा सका है। दरअसल, इस बार आवास बोर्ड के कारनामे का खुलासा हजारीबाग से पहुंची शिकायतों के कारण हुई हैं। डेढ़ दर्जन फ्लैट लॉटरी निकालने के बाद जर्जर घोषित किए गए और उनमें से अधिसंख्य हजारीबाग के ही हैं। विभाग ने जर्जर करार दिए गए 17 फ्लैटों को लेकर अपनाई गई प्रक्रिया के बारे में भी बोर्ड से जानकारी मांगी है। इस संदर्भ में झारखंड राज्य आवास बोर्ड के भू-संपदा पदाधिकारी नीलमणि तिर्की ने बताया कि कार्यपालक अभियंता से जवाब मांगा गया है और वहां से जवाब आते ही विभाग को सूचित कर दिया जाएगा।

आवास बोर्ड ने 336 फ्लैटों की बिक्री के लिए विज्ञापन निकाला था जिसमें से महज 41 फ्लैट बेचने में ही बोर्ड को सफलता मिली। इनमें से 27 फ्लैट रांची के नवनिर्मित अपार्टमेंट्स में बिकी है जबकि हजारीबाग के लिए 179 फ्लैट लॉटरी में शामिल किए गए थे और 13 को ही बोर्ड बेचने में सफल रहा। इस दौरान एक फ्लैट धनबाद में भी बिका है।


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