विधानसभा में आज पक्ष-विपक्ष में तकरार के आसार
झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सत्तारूढ़ दल और विपक्ष में तकरार के आसार स्पष्ट नजर आ रहे हैं। सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन लैंड म्यूटेशन बिल समेत विधि-व्यवस्था का मसला सरकार के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। विपक्ष ने इन मुद्दों को लपक लिया है तो जाहिर है कि सत्तारूढ़ दल इसपर बचाव की मुद्रा में होगा।
रांची : झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सत्तारूढ़ दल और विपक्ष में तकरार के आसार स्पष्ट नजर आ रहे हैं। सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन, लैंड म्यूटेशन बिल समेत विधि-व्यवस्था का मसला सरकार के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। विपक्ष ने इन मुद्दों को लपक लिया है तो जाहिर है कि सत्तारूढ़ दल इसपर बचाव की मुद्रा में होगा।
इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष की मान्यता का विवाद भी बड़ा मसला है। भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि इसपर सदन के भीतर और बाहर राजनीतिक लड़ाई चलेगी। हालांकि विधानसभा सचिवालय ने इसपर अपना स्टैंड स्पष्ट रखते हुए बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की से जवाब तलब किया है। इन्हें सात अक्टूबर तक की मोहलत दी गई है।
इसी तरह सरना धर्म कोड को लेकर आदिवासी संगठन मुखर हैं। इसे लेकर भी केंद्र को प्रस्ताव भेजने का दबाव सरकार पर है। राजधानी में पुलिस गेस्ट हाउस में नाबालिग संग दुष्कर्म के मसले पर भी विपक्ष सरकार को कठघरे में खड़ा करेगा। रविवार को राजभवन में राज्य के प्रभारी पुलिस महानिदेशक को तलब कर राज्यपाल ने भी इस घटनाक्रम पर चिता जताई है। मौके पर सीएजी की रिपोर्ट भी विधानसभा के पटल पर रखी जाएगी।
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मुख्यमंत्री प्रश्नकाल नहीं
विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री प्रश्नकाल की परंपरा पर ब्रेक लगेगा। गौरतलब है कि पूर्व में विधानसभा सत्र के दौरान सोमवार को मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के लिए आधा घंटा निर्धारित होता था। इसमें नीतिगत मामलों पर विधायक सीधे आसन के जरिए मुख्यमंत्री से सवाल पूछते थे। सोमवार को सिर्फ प्रश्नकाल होगा, जिसमें विधायक तारांकित और अल्पसूचित प्रश्न पूछ सकेंगे। राज्य सरकार के संबंधित विभागों के मंत्री इसका उत्तर देंगे। इसके अलावा वर्ष 2020-2021 के पहले अनुपूरक बजट पर बहस, मतदान और पारित कराने की औपचारिकता पूरी की जाएगी।
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