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Assault: मानवता तार-तार, मूक-बधिर और नेत्रहीन बच्चों से मारपीट, दे रहे घटिया खाना!

Assault with Disable Children. झारखंड के गुमला में आवासीय स्कूल के शिक्षकों बच्चों ने राज्य निश्शक्तता आयुक्त से मिलकर मारपीट और प्रताड़ना की शिकायत की है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 07:02 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 07:02 PM (IST)
Assault: मानवता तार-तार, मूक-बधिर और नेत्रहीन बच्चों से मारपीट, दे रहे घटिया खाना!
Assault: मानवता तार-तार, मूक-बधिर और नेत्रहीन बच्चों से मारपीट, दे रहे घटिया खाना!

रांची, राज्य ब्यूरो। गुमला स्थित मूक-बधिर आवासीय स्कूल के मूक-बधिर और नेत्रहीन बच्चों ने संचालक मुक्ति संस्था के पदाधिकारियों द्वारा मारपीट करने, घटिया खाना देने तथा विद्यालय में काफी अव्यवस्था होने की शिकायत राज्य निश्शक्तता आयुक्त सतीश चंद्रा से की है। राज्य निश्शक्तता आयुक्त ने इसे गंभीरता से लेते हुए संस्था के विरुद्ध कार्रवाई की बात कही है। यह स्कूल राज्य सरकार के अनुदान पर चलता है।

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सोमवार को स्कूल के कई शिक्षक, बच्चे और अभिभावकों ने राज्य निश्शक्तता आयुक्त कार्यालय पहुंचकर इसकी शिकायत की। मूक-बधिर बच्चे इशारों में ही मारपीट किए जाने और कुव्यवस्था की जानकारी दी। वहीं, शिक्षकों ने भी इसकी पुष्टि करते हुए शिकायत करने पर नौकरी से निकाल देने की चेतावनी दिए जाने की बात कही। राज्य निश्शक्तता आयुक्त ने मौके पर ही महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त सचिव सीके मंडल की उपस्थिति में बच्चों और शिक्षकों के बयान लिए।

राज्य निश्शक्तता आयुक्त ने पूर्व में भी संस्था के विरुद्ध गंभीर शिकायतें मिलने की बात कही। उनके अनुसार, उनके निर्देश पर गुमला के एसपी ने तीन माह पूर्व थाना प्रभारी से जांच कराई थी। थाना प्रभारी ने भी अपनी रिपोर्ट में बच्चों द्वारा मारपीट की शिकायत की पुष्टि की है। उन्होंने विभागीय सचिव को भी इस मामले से अवगत कराते हुए स्कूल को बंद कर बच्चों को दूसरे स्कूल में स्थानांतरित करने की अनुशंसा की है।

यह काफी गंभीर मामला है। बच्चों ने स्कूल संचालक के विरुद्ध कई शिकायतें की है। पूर्व में भी जांच में इस तरह की शिकायतों की पुष्टि हुई है। -सतीश चंद्रा, राज्य निश्शक्तता आयुक्त।

जो शिक्षक आवश्यक योग्यता नहीं रखते उन्हें हटा दिया गया है। वे ही साजिश कर बच्चों से झूठी शिकायत करवाते हैं। मुझे तो 2018-19 के लिए सरकार से कोई अनुदान भी नहीं मिल पाया। अपने खर्च पर स्कूल चला रहा हूं। सरकार से संस्था को 26 लाख रुपये मिलने थे।-संजय दत्ता, अध्यक्ष, मुक्ति संस्था


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