आकांक्षा के सफल विद्यार्थियों से मिले शिक्षा निदेशक, JEE Main में सफलता के लिए दी बधाई
Jharkhand. माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने विद्यार्थियों से बात की और उन्हें बेहतर करने के लिए शुभकामनाएं दी। जेईई मेन्स में आकांक्षा का यह अब तक का बेहतर रिजल्ट है।
रांची, राज्य ब्यूरो। जेईई मेन्स में आकांक्षा-40 के सफल विद्यार्थियों से रविवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक जटाशंकर चौधरी ने मुलाकात की। विद्यार्थियों के साथ आमने-सामने की बातचीत में उन्होंने कहा कि आकांक्षा-40 के विद्यार्थियों की यह उपलब्धि राज्य सरकार के प्रयासों की सफलता है। जटाशंकर चौधरी ने कहा कि आंकाक्षा के बच्चों ने मेडिकल-इंजीनियरिंग एंट्रेंस टेस्ट में सिर्फ बड़े निजी स्कूलों और कोचिंग संस्थानों के विद्यार्थियों के सफल होने के मिथ को तोड़ा है।
रांची के बरियातू स्थित राजकीय बीएड कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जेईई मेन्स में आकांक्षा-40 के लगभग 80 प्रतिशत विद्यार्थियों ने सफलता हासिल की है। यह अबतक का सबसे बेहतर रिजल्ट है और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में यहां के शत प्रतिशत विद्यार्थी सफलता हासिल करेंगे। चौधरी ने इस मौके पर जेईई मेन्स में सफल विद्यार्थियों को बधाई देते हुए भविष्य में और बेहतर करने के लिए शुभकामनाएं दी।
गरीब और मेधावी बच्चों के सपनों को करना है साकार
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने आकांक्षा -40 के विद्यार्थियों की हौसलाअफजाई करते हुए कहा कि आप मेहनत के साथ पढ़ाई करें, सरकार आपको प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध कराएगी। सरकार का प्रयास है कि ग्रामीण परिवेश में रहने वाले गरीब बच्चे भी डॉक्टर-इंजीनियर बन सकें, इसके लिए आकांक्षा-40 कार्यक्रम चल रहा है।
विद्यार्थियों की संख्या बढऩे पर सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने कहा कि आकांक्षा-40 के लिए विद्यार्थियों की संख्या बढऩे पर संसाधनों और सुविधाओं को भी बढ़ाया जाएगा। न्यू आकांक्षा शुरू की जाएगी। क्सालेज और फैकल्टी मेंबर्स भी बढ़ाए जाएंगे। फिलहाल यहां कंप्यूटर लैब खोलने के लिए पहल की जा रही है। इसके अलावा यहां के विद्यार्थियों के लिए ड्रेस कोड लागू करने पर भी विचार किया जा रहा है।
जेईई मेन्स में आकांक्षा के बच्चों का अबतक का सबसे बेहतर रिजल्ट
बता दें कि आकांक्षा-40 के 26 विद्यार्थियों ने जेईई मेन्स की परीक्षा दी थी। इनमें से परीक्षा के वक्त दो विद्यार्थियों की तबीयत खराब हो गई थी। 24 विद्यार्थियों में से 19 ने जेईई मेन्स में सफलता हासिल की है। खास बात कि यहां की दो छात्राओं ने जेईई मेन्स दी थी, जिसमें एक को सफलता मिली है। इन विद्यार्थियों में अनुसूचित जनजाति के 1, अनुसूचित जाति के 2, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 11, सामान्य श्रेणी (आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग) के 2 और सामान्य श्रेणी के 3 विद्यार्थी शामिल हैं। इन विद्यार्थियों में गिरिडीह, लोहरदगा और देवघर के 3-3 विद्यार्थी, रांची, बोकारो और जामताड़ा के 2-2 विद्यार्थी और साहिबगंज, दुमका, पूर्वी सिंहभूम और धनबाद जिले के 1-1 विद्यार्थी शामिल हैं।
सफलता प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के नाम
आकांक्षा-40 के विद्यार्थियों के बेहतर रिजल्ट का आकलन इस बात से किया जा सकता है कि 5 विद्यार्थियों का परसेंटाइल 90 से ज्यादा है। सबसे ज्यादा 98 परसेंटाइल अंशु कुमार का है। इसके अलावा प्रियांशु राज, सत्यम राज, विक्रम कुमार महतो, राजकुमार राय, हैनी खन्ना, राजीव कुमार, अमनदीप मेहता, बनमाली साहा, शशि कुमार साहू, सुदर्शन कुमार, निमाई पात्रो, स्नेहाशीष कुमार महतो, वैद्यनाथ ओझा, जयराम यादव, विक्रम भंडारी, निपुण कुमार, अनमोल कुजूर, प्रियंका कुमारी रजक को जेईई मेन्स की परीक्षा में सफलता मिली है।
क्या है आकांक्षा-40 कार्यक्रम
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा राज्यस्तरीय आकांक्षा-40 की शुरुआत की गई है। यहां गरीब बच्चों को नि:शुल्क इंजीनियरिंग और मेडिकिल एंट्रेंस टेस्ट की कोचिंग कराई जाती है। सरकार द्वारा यहां पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए आवास, भोजन और पठन-पाठन की सामग्री मुफ्त में दी जा रही है। इसके अलावा बच्चों को कंप्यूटर पर ऑनलाइन टेस्ट का अभ्यास कराया जाता है। लाइब्रेरी में उत्कृष्ट किताबें उपलब्ध हैं। समन्वयक वीके सिंह ने बताया कि आकांक्षा-40 के चयन के लिए झारखंड इंटरमीडिएट काउंसिल के मैट्रिक के लिए आवेदन के साथ आकांक्षा -40 के लिए भी आवेदन लिए जाते हैं। इसके उपरांत लिखित परीक्षा ली जाती है और मेरिट लिस्ट के आधार पर उनका चयन आकांक्षा-40 के लिए होता है।