झारखंड में डिजिटिल इंडिया को सरकारी विभागों का ब्रेक, दो साल से अपडेट नहीं हुई वेबसाइटें
राज्य सरकार के आधे से अधिक विभागों के वेबसाइट महीनों से अपडेट नहीं हुई हैँ।
रांची, राज्य ब्यूरो। डिजिटल इंडिया के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने झारखंड में परवान नहीं चढ़ रहे हैं। सरकार डिजिटल ट्रैक पर दौड़ना तो चाह रही है लेकिन सरकारी महकमों (मंत्रालय) का रवैया स्पीड ब्रेकर सरीखा है। डिजिटल प्लेटफार्म की पहली सीढ़ी विभागों की वेबसाइट का अपडेट होना माना जाता है लेकिन राज्य सरकार के आधे से अधिक विभाग इस पैमाने पर खरा नहीं उतर रहे हैं। बड़ी बात यह कि इसको सुधारने की सुध न तो मंत्री ले रहे और न ही अधिकारी।
मुख्यमंत्री रघुवर दास तमाम सरकारी योजनाओं को डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने को आतुर दिखते हैं। मंशा भी स्पष्ट है कि ऐसा होने से पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा और जनता तक सही चीजें ससमय पहुंचेंगी लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। राज्य सरकार के 31 विभागों की बात करें तो आधे से अधिक ऐसे महकमे हैं जिनकी वेबसाइट दो साल से अपडेट नहीं हुई हैं। मजे की बात यह है कि इन सभी सरकारी विभागों की वेबसाइट पर केंद्र सरकार के विभागों की साइट का लिंक भी मौजूद है। केंद्रीय विभागों की सभी वेबसाइट पल-पल अपडेट होती रहती हैं लेकिन झारखंड के अफसर इससे भी प्रेरणा नहीं ले रहे।
सरकार की मूल वेबसाइट दुरुस्त :
झारखंड सरकार की मूल वेबसाइट अपडेट होती रहती है लेकिन इसी वेबसाइट से जुड़े विभागों की आधे से अधिक वेबसाइट दो साल से अपडेट नहीं हुई। लगभग सभी विभागों ने अपनी खुद की वेबसाइट भी तैयार की है, यहा भी साइट को अपडेट करने में रवैया लचर ही दिखता है।
पीआरडी अव्वल, योजना लचर :
साइट की बात करें तो पीआरडी अव्वल है। योजना एवं वित्त में वित्त अपडेट है लेकिन योजना का रवैया लचर है। कृषि से जुड़े सभी निदेशालयों की स्थिति खराब है। आदिवासी हितों से जुड़े कल्याण विभाग यदा-कदा ही सक्रिय दिखता है। नगर विकास की साइट तो अपडेट है लेकिन इसी के अधीन आवास विभाग निष्क्रिय है।
पैसा लेकर भाग निकली कंपनिया, कार्रवाई नहीं :
धनबाद नगर निगम की वेबसाइट अपडेट करने का जिम्मा जिस कंपनी को दिया गया था वह एडवास राशि लेकर गायब है। इसी प्रकार झारखंड राज्य आवास बोर्ड की वेबसाइट को 50 लाख रुपये खर्च करने के बाद कोई ठिकाना नहीं मिल रहा है। विभाग कार्रवाई करने से भी हिचक रहा है।
सूचना का अधिकार की अनदेखी :
सूचना का अधिकार अधिनियम में सभी सरकारी विभागों की वेबसाइट को नई सूचनाओं से अपडेट करने को कहा गया है। हालांकि आरटीआइ की अनदेखी के कारण लोगों को अब भी जरूरी सूचनाएं लेने के लिए विभागों में आवेदन देना पड़ रहा है। ऐसे विभागों में हजारों आवेदन महीनों से लंबित पड़े हैं।
अपडेट विभाग :
पीआरडी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, कार्मिक, राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग, ग्रामीण विकास, नगर विकास, वित्त, स्कूली शिक्षा, उद्योग, वन एवं पर्यावरण, वाणिज्यकर विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता, जल संसाधन, खाद्य आपूर्ति, परिवहन।
महीनों से नहीं अपडेट हुई इनकी वेबसाइटें :
उच्च तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, श्रम नियोजन, पथ निर्माण, कल्याण विभाग, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, योजना, खान एवं भूतत्व, ऊर्जा, भवन निर्माण, कैबिनेट, उत्पाद, महिला एवं बाल विकास, नागर विमानन, गृह।