Digital India: टेलीमेडिसिन से लेकर विधि परामर्श दिला रहे झारखंड के प्रज्ञा केंद्र
Digital India झारखंड में सक्रिय लगभग 20 हजार कॉमन सर्विस सेंटरों(Common Service Centers) के माध्यम से लोगों को टेलीमेडिसिन से लेकर विधि परामर्श जैसी सुविधाएं मिल रही है। प्रज्ञा केंद्रों(Pragya Kendra) ने श्रम पोर्टल(Labor Portal) पर 50 लाख असंगठित मजदूरों(Unorganized Workers) के निबंधन में भी बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
रांची (राज्य ब्यूरो)। Digital India: झारखंड में सक्रिय लगभग 20 हजार कॉमन सर्विस सेंटरों(Common Service Centers) (प्रज्ञा केंद्रों) के माध्यम से लोगों को टेलीमेडिसिन से लेकर विधि परामर्श जैसी सुविधाएं मिल रही है। कई अन्य सेवाओं को भी प्रज्ञा केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध कराने पर विचार किया जा रहा है। प्रज्ञा केंद्रों(Pragya Kendra) ने श्रम पोर्टल(Labor Portal) पर 50 लाख असंगठित मजदूरों(Unorganized Workers) के निबंधन में भी बड़ी उपलब्धि हासिल की है। ये बातें राज्य सरकार(State Government) के सूचना तकनीक(Information Tech) एवं ई गवर्नेंस विभाग(E-Governance Department) के सचिव कृपानंद झा ने आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन(Project Bhawan) में आयोजित सभागार में कही।
'सीएससी इंपावरिंग सिटीजंस(CSC Empowering Citizens) :
सचिव कृपानंद झा 'अंडर डिजिटल इंडिया' विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं को जितना अधिक बिजनेस मॉडल में लाया जाएगा, वे योजनाएं उतना ही अधिक सफल होंगी। झारखंड के प्रज्ञा केंद्रों ने इस बात को साबित कर दिया है।
प्रज्ञा केंद्र संचालकों को किया गया पुरस्कृत:
इस अवसर पर विभाग के निदेशक मनोज कुमार ने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में डिजिटल गैप को पाटने में प्रज्ञा केंद्रों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बैंक एवं बीमा की भी सुविधा लोगों को आसानी से गांवों में मिल रही है। इस अवसर पर उत्कृष्ट सेवा देने वाले प्रज्ञा केंद्र संचालकों को पुरस्कृत किया गया।
मां चंडिका पेड़ा भंडार तथा कृषि सेवा के लिए सुकन्या चौधरी को मिला पुरस्कार।
वहीं, जिला स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले दो जिलों रांची और गिरिडीह के ई डिस्ट्रिक्ट मैनेजरों को पुरस्कृत किया गया। बेस्ट पार्टनर के रूप में ग्रामीण ई स्टोर के माध्यम से लोगों को बाबाधाम का पेड़ा प्रज्ञा केन्द्रों के माध्यम से उपलब्ध कराने के लिए मां चंडिका पेड़ा भंडार तथा कृषि सेवा के लिए सुकन्या चौधरी को पुरस्कार मिला।