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ऐसे करें मॉनसून में बीमारियों से बचाव

बारिश में भीगना मलेरिया, टाइफाइड, स्टमक इंफेक्शस, फंगल इंफेक्श्ास को बढ़ावा देता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Jun 2018 04:53 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jun 2018 04:53 PM (IST)
ऐसे करें मॉनसून में बीमारियों से बचाव
ऐसे करें मॉनसून में बीमारियों से बचाव

जागरण संवाददाता, राची : मॉनसून के आते ही, हवाओं में ठंडक, रंगबिरंगे छाते, पहली बारिश में भीगना यह सारी यादें दोबारा ताजा हो जाती हैं लेकिन खुशियों के साथ-साथ इस मौसम से जुड़ी कई बीमारिया भी हैं जो बच्चों से लेकर बड़े सबको प्रभावित करती हैं, जैसे मलेरिया, टाइफाइड, स्टमक इंफेक्शस, फंगल इंफेक्श्ास और भी कई सारी बीमारिया।

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इस मौसम में खुद को स्वस्थ रखने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। रोकथाम इलाज से बेहतर है यह कहावत हर किसी ने सुनी है और विशेषज्ञ भी इसी की सलाह देते हैं। बच्चों की खास देखभाल करनी चाहिए क्योंकि इन्हे पानी में खेलना बेहद पसंद होता है और पानी में ज्यादा देर तक भींगना कई बीमारियों को न्योता देती है।

विशेषज्ञों का कहना :

मॉनसून में पानी से संबंधित बीमारिया ज्यादा होती हैं जिसे वाटरबॉर्न डिजीज कहा जाता है जैसे की जॉन्डिस, पेट खराब होना, टाइफाइड, कॉलरा। इस मौसम में मच्छर भी काफी परेशान करते हैं और कई ऐसी बीमारिया हैं जो इनके काटने से होती हैं जिसमें मलेरिया बहुत आम बिमारी है।

बारिश में भीगने से तो बचना ही चाहिए साथ ही खान पान पर अधिक ध्यान देना चाहिए। फंगल इन्फेक्शन्स भी काफी होते हैं जिनके बढ़ने से यह घातक भी साबित हो सकते हैं। इलाज से बेहतर प्रिकॉशन लेना है। थ्रोट इन्फेक्शन, बुखार और सर्दी खासी तो बिन बुलाए मेहमान की तरह इस मौसम में कभी भी आ जाते हैं। डॉक्टर, संजय सिंह, फिजिशियन

बारिश के मौसम में फंगल इन्फेक्शन्स बहुत बढ़ जाते हैं, होने को तो यह किसी भी मौसम में हो सकते हैं पर इस मौसम में नमी ज्यादा होती है जिसके कारण इन्फेक्शन्स ज्यादा फैलते हैं, यह उन जगहों पर होते हैं जहा नमी हमारे शरीर में ज्यादा देर तक ठहर सकती है, जैसे की थाइज, पैरों और हाथों में उंगलियों के बीच, आर्मपिट्स में। इससे बचने के लिए जरूरी है की प्रत्येक दिन स्नान अच्छे से करें और ढीले सूती कपडे़ पहनें।

डॉक्टर प्रभात कुमार, स्किन स्पेशलिस्ट, रिम्स

कौन कौन सी बीमारिया हैं आम :

मलेरिया

टाइफाइड

जॉन्डिस

फंगल इंफेक्शस

बुखार, सर्दी-खासी

पेट संबंधित इंफेक्शस

रोकथाम इलाज से बेहतर है :

घर से साफ पानी लेकर चलें

पानी को आधे घटे उबालने के बाद ठंडा कर पिएं

शरीर को सूखा रखें

पानी में भीगने से बचें

हमेशा छाता लेकर चलें

भीगने पर तुरंत कपडे़ बदलें

मच्छरों से बचें, मच्छरदानी का इस्तमाल करें

बाहर का खाना न खाएं

ढीले सूती कपडे पहनें

खान-पान पर ध्यान :

फल जैसे सेब, अनार, नाशपाती, खाएं। पानी युक्त फल इस मौसम में नहीं खाना चाहिए इनसे शरीर में सूजन होती है।

शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है लहसुन

नीम, करेला खाने से इन्फेक्शन्स दूर रहते हैं

मसालेदार खाने से बचें

बरसात में बच्चों में होने वाली आम बीमारिया :

बच्चों का इम्युन सिस्टम बड़ों से कमजोर होता है, ऐसे में उनमें इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है। बरसात में डायरिया, दस्त, जॉन्डिस (पीलिया), वायरल फीवर, टायफाइड, सर्दी-खासी आम बीमारिया हैं। इनमें जॉन्डीस और टायफायड से बच्चे विशेष रूप से प्रभावित होते हैं। इसलिए बरसात के मौसम में कुछ बातों का ख्याल रखें।

बच्चों का ऐसे रखें ख्याल :

बच्चों को बारिश में ज्यादा न भीगने दें।

बच्चों को ज्यादा देर भीगे हुए कपड़ों में न रहने दें।

अगर बच्चे बरसात में भीग भी जाते हैं तो उनका सिर और बदन अच्छे से पोंछकर रखें।

बाजार में बिकने वाली खुली चीजों को बच्चों को बिल्कुल ना खाने दें। इसके अलावा कच्चा और ठंडा खाना भी ना खिलाएं।

पानी उबालकर या फिल्टर करके ही दें। स्कूल जाने वाले बच्चों को इस मौसम में घर से पानी की बोतल देकर ही भेजे।

मच्छरदानी का प्रयोग जरूर करें।

जॉन्डीस से बचाने के लिए छोटे बच्चों को टीका लगवाना ना भूले।

तीन-तीन साल के अंतराल पर बच्चों को टायफाइड का टीका लगवाएं।

इस मौसम में सूती कपड़े बच्चों के लिए ज्यादा अच्छे रहेंगे।

छोटे बच्चों की स्किन बहुत सेंसेटिव होती है, लिहाजा उन्हें नहलाने के बाद कोई भी लोशन बिना चिकित्सीय सलाह के न लगाएं। इससे रैशेज हो सकते हैं।


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