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Dhanbad Pollution : जहरीली हो रही धनबाद की हवा, नहीं चेते तो सांस लेना भी होगा मुश्कित

ठंड के साथ प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगता है। प्रदूषण के मामले में धनबाद पहले से ही देश के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में धनबाद पहले पायदान पर है। धनबाद का झरिया इलाका अन्य इलाकों से काफी अधिक प्रदूषित है।

By Sanjay Kumar SinhaEdited By: Published: Thu, 18 Nov 2021 02:45 PM (IST)Updated: Thu, 18 Nov 2021 02:45 PM (IST)
Dhanbad Pollution : जहरीली हो रही धनबाद की हवा, नहीं चेते तो सांस लेना भी होगा मुश्कित
जहरीली हो रही धनबाद की हवा, ठंड के साथ प्रदूषण का स्तर भी बढ़ा

धनबाद जासं। राजधानी दिल्ली ही नहीं धनबाद भी प्रदूषण की चपेट में है। यहां भी पीएम-2.5 और पीएम-10 का स्तर अन्य दिनों की तुलना में बढ़ गया है। झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से डिगवाडीह में एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग स्टेशन लगा हुआ है। यहां से हर दिन वायु प्रदूषण का आंकड़ा जारी होता है। गुरुवार को जारी इसके आंकड़ों के अनुसार धनबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआइ 186 दर्ज किया गया। यह राष्ट्रीय मानक 100 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) से कहीं अधिक है। इसमें पीएम-2.5 का स्तर 169.1 और पीएम-2.5 का स्तर 181.5 दर्ज किया गया।

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ठंड के साथ प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगता है। प्रदूषण के मामले में धनबाद पहले से ही देश के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में धनबाद पहले पायदान पर है। धनबाद का झरिया इलाका अन्य इलाकों से काफी अधिक प्रदूषित है। यहां की हवा में जहर फैल चुका है। नियमों को ताकपर रख कोयला ट्रांसपोर्टिंग हो रही है। न तो बीसीसीएल का ध्यान है. न जिला प्रशासन और न ही झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ही कोई कारगर उपाय कर रहा है। कोयला और गाड़ियों का निकलता धुआं धनबाद-वासियों को बीमार कर रहा है। सांस लेने की समस्या बढ़ रही है। 2012 में बने एक्शन प्लान पर आज तक काम नहीं हो सका हैं।

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एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर और प्रभाव

- शून्य से 50 : अच्छा

- 51 से 100 : संतोषजनक

- 101 से 200 : असंतोषजनक

- 201 से 300 : खराब

- 301 से 400 : बहुत खराब

- 401 से 500 : अतिगंभीर

नोट - एक्यूआइ का राष्ट्रीय मानक 100 माइकोग्राम प्रति घन मीटर निर्धारित है।

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लाकडाउन से ही ले लेते सबक

जेएसपीसीबी के क्षेत्रीय पदाधिकारी अरुण कुमार चौधरी कहते हैं कि हमें लाकडाउन से सबक लेना चाहिए। उस समय धनबाद में एयर क्वालिटी इंडेक्स पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर शून्य तक पहुंच गया था। इस समय पीएम 2.5 औसतन 145 तो पीएम 10 का स्तर 165 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) है। बैंक मोड़, धनसार, झरिया में पीएम 10 की मात्रा अत्यधिक बढ़ चुकी है।

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फैक्ट फाइल

- पीएम 10 को रेस्पायरेबल पर्टिकुलेट मैटर कहते हैं।

- इन कणों का साइज 10 माइक्रोमीटर होता है।

- पीएम 10 का सामान्य लेवल 100 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) होना चाहिए।

- धनबाद में प्रदूषण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए 1463 करोड़ की बनी थी कार्ययोजना।

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प्रदूषणजनित बीमारियां

- कोल डस्ट के कारण अस्थमा, सिलकोसिस, टीबी एवं लंग्स जैसी बीमारियां।

- प्रतिवर्ष मिल रहे लगभग 250 टीबी के मरीज।

- डस्ट से एलर्जी वाले मरीजों को अधिक करता है प्रभावित।

- नेत्ररोग की बीमारी भी बढ़ी, आंख में पीलापन।

- प्रदूषित हवा के कारण पानी भी प्रदूषित। दो साल से कम उम्र के बच्चों में डायरिया, हैजा जैसी बीमारी।

- लोगों में गैस, बदहजमी की शिकायत।

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धनबाद में प्रदूषण के प्रमुख कारक

- ओपनकास्ट कोलियरियां, इसकी वजह से धूल कण हवा में तैर रहे हैं।

- वायु प्रदूषण का मुख्य स्त्रोत बीसीसीएल, ईसीएल, सीसीएल के खदान में हो रहे उत्पादन एवं कोल ट्रांसपोर्टेशन। नियमों का पालन नहीं।

- वाहनों से निकलने वाली जहरीली गैस सल्फर डाइआक्साइड, नाइट्रोजन डाइआक्साइड और धूल के कण आरएसपीएम (रेस्पाइरेबल सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर) एवं एसपीएम (सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर) का रहे इजाफा।

- अधिक नुकसान सड़क पर उड़ती हुई धूल है। कोलियरी क्षेत्र से निकलने वाले कोयला लदे ट्रक धनबाद शहर को प्रदूषित करने में महत्वपूर्ण निभा रहे हैं।

- 2009 से लेकर अक्टूबर 2021 तक तीन लाख 90 हजार गाड़ियां धनबाद की सड़कों पर उड़ा रही धुआं।


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