बच्चों की जिंदगी में उजाला ला रही रोशनी, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी हुए थे प्रभावित; पढ़ें इनकी बेमिसाल कहानी
Jharkhand Special News धनबाद की रहने वाली रोशनी मुखर्जी इंटरनेट मीडिया पर ऑनलाइन क्लास चलाती है। अभी 11 लाख बच्चे उनके निश्शुल्क क्लासेस से जुड़े हुए हैं। रोशनी अपने सॉफ्टवेयर इंजीनियर पति के साथ बेंगलुरु में रहती है।
झरिया, [गोविन्द नाथ शर्मा]। धनबाद के शक्ति मंदिर के समीप रहने वाली रोशनी मुखर्जी ने बच्चों को ऑनलाइन शिक्षित करने के क्षेत्र में बेमिसाल काम किया है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी रोशनी के नेक कार्य से प्रभावित हुए थे और 2016 में उसकी प्रतिभा को सम्मान दिया था। 2011 से वह कक्षा छह से 12 तक के बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दे रही है। यूट्यूब में लर्न ओ हब चैनल के माध्यम से शिक्षा से संबंधित चैनल चल रहे हैं। झरिया के कपड़ा व्यवसायी सुभाष अग्रवाल की बहू रोशनी के पति गोपाल अग्रवाल बेंगलुरु में साॅफ्टवेयर इंजीनियर हैं। वह भी वहीं रहती है।
रोशनी ने बताया कि उसने धनबाद से इंटर की परीक्षा डीपीएस से पास की। तत्पश्चात दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज से एमएससी भौतिक विज्ञान से किया। 2011 में एग्जामफियर डाॅट कॉम वेबसाइट बनाई। उसके बाद यूट्यूब चैनल में बच्चों को पढ़ाने के लिए पांच हजार से अधिक वीडियो अपलोड किए। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को अपना आदर्श मानने वाली रोशनी उस दिन को कभी नहीं भूलती, जब उसने उनके साथ राष्ट्रपति भवन में लंच किया था। उनके हाथों सम्मान पाया था। उस दिन से रोशनी में काम का उत्साह और बढ़ गया। बहू द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे उल्लेखनीय काम से उनके ससुर सुभाष कुमार अग्रवाल, सास सुशीला और जेठ संतोष एवं ईश्वर काफी गर्वित हैं।
बच्चों के लिए छोड़ दी थी नौकरी
बच्चों को शिक्षा देने से पहले रोशनी ने बतौर क्वालिटी एनालिस्ट के तौर पर एक कंपनी में काम किया। इसी बीच उनके घर काम करने वाली एक महिला ने उनको बताया कि उसके बच्चों की पढ़ाई ठीक नहीं चल रही है। शिक्षक ध्यान नहीं दे रहे है। बस यहीं से उसे नई राह मिली। उसने बच्चों को ऑनलाइन निश्शुल्क शिक्षा देने की ठान ली। रोशनी के समझाने की कला से बच्चे प्रभावित हुए और उसकी वेबसाइट से जुड़ते गए। वह कक्षा छह से लेकर 12 तक वनस्पति विज्ञान, जंतु विज्ञान, भौतिक विज्ञान, गणित व रसायन विज्ञान पढ़ाती हैं। उनका कहना है कि यदि बच्चों के पास कंप्यूटर नहीं है तो वे मोबाइल से उसकी कक्षा से जुड़ सकते हैं। करीब नाै साल से वह बच्चों को शिक्षा दे रही है। इससे उसे आत्मसंतोष मिलता है।
रोशनी के निश्शुल्क ऑनलाइन शिक्षा क्लासेस से जुड़े हैं 11 लाख बच्चे
रोशनी के निश्शुल्क ऑनलाइन क्लासेस से लगभग 11 लाख बच्चे जुड़े हैं। इंटरनेट मीडिया के यूट्यूब पर दो और एक चैनल लर्न ओ हब नाम से चलता है। तीनों चैनल पर ऑनलाइन सोमवार से शुक्रवार तक 6 से 12 कक्षा के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जाता है। उच्च वर्ग के बच्चों के लिए सप्ताह में चार वीडियो भी डाले जाते हैं। रोशनी ने कहा कि वर्ष 2020 में कोरोना वायरस के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। इसलिए वर्ष 2021 में यूट्यूब चैनल पर 4 वीडियो सप्ताह में जरूर डालेंगे। उन्होंने वर्ष 2021 में दो सौ से अधिक वीडियो अपलोड करने का निर्णय लिया है।
बच्चों को फ्री में अच्छी क्वालिटी की शिक्षा देना है उददेश्य
रोशनी कहती हैं कि वर्ष 2011 में बच्चों को फ्री ऑनलाइन क्लासेस देने की शुरुआत की। एक दिन घर के मेड ने अपने बच्चे के बारे में बताया कि वह परीक्षा पास नहीं कर पा रहा है। वहीं से हमें लगा कि क्यों ना कोई ऐसा प्लेटफाॅर्म बनाया जाए जहां गरीब बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा मिलती रहे। तभी से बच्चों को ऑनलाइन क्लास देती आ रही हूं। ऑनलाइन क्लासेस देते हुए नौ साल हो गए हैं। यूट्यूब पर क्लास 6 से 12 तक का लाइव क्लासेस सोमवार से शुक्रवार तक होता है।