देवकीनंदन ठाकुर जी ने कहा, जब तक जीवित हैं, अच्छे कामों में समय लगाएं
देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कहा जब तक जीवत हैं अच्छे कामों में समय लगाएं। जीवन बड़ा अनमोल है।
जागरण संवाददाता, रांची : जिस व्यक्ति को पता चल जाए की उसकी मृत्यु सातवें दिन निश्चित हो वह व्यक्ति क्या करेगा? क्या सोचेगा?..राजा परीक्षित ने यह जान कर उसी क्षण अपना महल छोड़ दिया था। लेकिन आज तो आपको यह भी नहीं मालूम की आपकी मृत्यु कब होगी, तो जीवित रहते हुए अपने समय को बर्बाद क्यों करना। मानव जीवन सबसे श्रेष्ठ है, क्योकि इस जीवन में हमे नाम सुमिरन करने का मार्ग मिलता है। उक्त बातें हरमू मैदान में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन परम पूज्य देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि जो इस मानव जीवन के मोल पहचान कर प्रभु के चरणों में समर्पित कर देगा उसका कल्याण निश्चित होगा। सात दिन में संपूर्ण भागवत का श्रवण करें, निश्चित भला होगा
कथा के दौरान एक प्रसंग के बारे बताते हुए पंडित देवकीनंदन जी महाराज ने बताया कि एक बार वैरागी शुकदेव जी महाराज से राजा परीक्षित ने पूछा कि जो व्यक्ति सातवें दिन मरने वाला हो उस व्यक्ति को क्या करना चाहिए? किसका स्मरण करना चाहिए और किसका परित्याग करना चाहिए? इस प्रश्न पर शुकदेव जी ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया कि जिस व्यक्ति की मृत्यु सातवें दिन होने वाली हो उसे श्रीमद भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए। श्रीमद् भागवत में 18 हजार श्लोक, 12 स्कंद और 335 अध्याय है, जो जीव सात दिन में सम्पूर्ण भागवत का श्रवण करेगा वो भला निश्चित होगा।
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प्रभु हम पे कृपा करना, प्रभु हम पे दया करना..
कथा वाचन के दौरान देवकीनंदन जी महाराज की भक्ति गीतों ने कथा में उपस्थित सभी भक्तों का मन मोह लिया। गीतों से देवकीनंदन महाराज ने रांची के भक्तों को वृंदावन की कुंज गलियों के दर्शन करा दिए। उन्होंने जैसे 'प्रभु हम पे कृपा करना, प्रभु हम पे दया करना..बैकुंठ तो यही है, हृदय में रहा करना। प्रभु हम पे कृपा करना, प्रभु हम पे दया करना..नाचेंगे मोर बनकर, हे श्याम तेरे द्वारे..घनश्याम छाए रहना, बनकर के मेघ कारे' यह गाना शुरू किया, सभी कृष्ण भक्त अपने जगह पर खड़े होकर झूमने लगे। इस अवसर पर अंजू सिन्हा, अनिल कुमार सिन्हा, मिठू बजाज, जगदीश सेन, कमल सिंघानिया, श्याम गोयल, किशन डालमिया, विजय केडिया, संदीप मुखर्जी, श्याम गोयल सहित कई गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे।