नप गए नौ इंजीनियर, अस्पताल निर्माण में अनियमितता पड़ी भारी
स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने उपायुक्त की रिपोर्ट पर इनमें दोषी पाए गए नौ इंजीनियरों के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा संबंधित विभागों से की है।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य सरकार ने सरायकेला-खरसावां के चांडिल अनुमंडलीय अस्पताल के निर्माण में कोताही व अनियमितता को गंभीरता से लिया है। स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने उपायुक्त की रिपोर्ट पर इनमें दोषी पाए गए नौ इंजीनियरों के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा संबंधित विभागों से की है। इनमें से आठ जल संसाधन विभाग तथा एक पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर हैं। जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों में से चार रिटायर हो चुके हैं।
स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर उपायुक्त की रिपोर्ट का हवाला देते हुए मामले के लिए जिम्मेदार आठ इंजीनियरों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की है। उपायुक्त ने पहले ही इनके विरुद्ध आरोप पत्र गठित कर भेज दिया है। इनमें ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल-सरायकेला के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जीतन दास, विजय कुमार सिंह, वीरेंद्र मोहन प्रसाद, रघुवर तिवारी, तत्कालीन सहायक अभियंता शशि प्रकाश, निरंजन तथा तत्कालीन कनीय अभियंता अनिल कुमार पांडेय व अशोक कुमार चौबे शामिल हैं।
इसी तरह, स्वास्थ्य सचिव ने पथ निर्माण विभाग के सचिव को भी अलग से पत्र लिखकर एनआरईपी-सरायकेला खरसावां के तत्कालीन कनीय अभियंता बम प्रसाद के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने को कहा है। इन विभागों के ये सभी इंजीनियर उस समय सरायकेला खरसावां में ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल-एनआरईपी में पदस्थापित थे। इनमें से विजय कुमार सिंह, वीरेंद्र मोहन प्रसाद, रघुवर तिवारी तथा शशि प्रकाश शामिल हैं।
पूरी राशि आवंटित, निर्माण अधूरा : चांडिल अनुमंडलीय अस्पताल के निर्माण की योजना वर्ष 2007-08 में ही शुरू हुई थी। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए स्वीकृत राशि में से पूरी राशि ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल को जारी कर दी थी। लेकिन आज तक यह योजना पूरी नहीं हुई। अब इसके निर्माण के लिए संशोधित डीपीआर पर स्वीकृति दी जा रही है। इससे राज्य सरकार को दो करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च होने की संभावना है।