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वाणिज्यकर विभाग ने होमगार्ड की मौत को दुर्घटना करार दिया, डीजी के आरोपों को नकारा Ranchi News

Jharkhand. मामला खेलगांव मोड़ पर चेकिंग के दौरान सड़क हादसे में गृह रक्षक की मौत का। डीजी होमगार्ड एमवी राव ने वाणिज्यकर के पदाधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया था।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 07:00 AM (IST)
वाणिज्यकर विभाग ने होमगार्ड की मौत को दुर्घटना करार दिया, डीजी के आरोपों को नकारा Ranchi News
वाणिज्यकर विभाग ने होमगार्ड की मौत को दुर्घटना करार दिया, डीजी के आरोपों को नकारा Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। रांची के सदर थाना क्षेत्र स्थित खेलगांव चौक के पास दो अगस्त 2019 की रात 11 बजे तेज रफ्तार कार की चपेट में आने से हुई गृह रक्षक शत्रुघ्न सिंह की मौत के मामले में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। पहले गृह रक्षा वाहिनी के डीजी एमवी राव ने अपने जांच अधिकारी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया।

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उन्होंने वाणिज्य कर विभाग, रांची के पदाधिकारियों के माध्यम से अनियमित रूप से की जा रही वाहन चेकिंग के क्रम में अनियंत्रित वाहन के धक्के से गृह रक्षक शत्रुघ्न सिंह की मृत्यु हो जाने का आरोप लगाया था। अब वाणिज्य कर विभाग की तीन सदस्यीय टीम ने एमवी राव के आरोपों का बिंदुवार जवाब दिया है और लापरवाही से इन्कार किया है।

गृह रक्षा वाहिनी सह अग्निशमन के डीजी एमवी राव के आरोपों के बाद गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के आदेश पर वाणिज्य कर विभाग ने पूरे प्रकरण की जांच कराई। इसके लिए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया। जांच समिति ने अपना मंतव्य दिया कि गृह रक्षक की मौत सिर्फ एक दुर्घटना है।

उन्हें तेज रफ्तार से आ रही एक अनियंत्रित मारुति सीयाज कार के चालक ने धक्का मारा। इसमें वाणिज्य कर विभाग के पदाधिकारियों का कोई दोष नहीं है। अब वाणिज्य कर विभाग की जांच रिपोर्ट को राज्य के गृह विभाग ने डीजी होमगार्ड एमवी राव को भेज दिया है। इस संबंध में डीजी होमगार्ड से उनका मंतव्य मांगा गया है।

यह है राव का आरोप व वाणिज्य कर विभाग का जवाब

1. आरोप संख्या एक : वाहन चेकिंग के दौरान 10 चक्का मालवाहक की जांच नहीं की गई।

जवाब : रुकवाए गए 10 चक्का वाहन के कागजात लेने गृह रक्षक शत्रुघ्न सिंह जा रहे थे कि पीछे से मारुति सियाज कार ने धक्का मार दी। दुर्घटनाग्रस्त घायल जवान की जान ज्यादा महत्वूपर्ण थी, न ही वाहन की जब्ती।

2. आरोप संख्या दो : ट्रक चालक से पूछताछ करने पर गहराई से छानबीन की जा सकती थी।

जवाब : ट्रक को रोककर जांच के बजाय, घायल का इलाज ज्यादा महत्वपूर्ण था।

3. आरोप संख्या तीन : पदाधिकारियों ने चेकिंग के दौरान सुरक्षा के मापदंडों का पालन नहीं किया।

जवाब : वाणिज्य कर विभाग के पास कोई मानक या मापदंड निर्धारित नहीं है। फिर भी सुरक्षा की पूरी कोशिश की जाती है।

4. आरोप संख्या चार : अत्यंत व्यस्त यातायात चौराहा से कुछ दूरी पर ही वाहन की जांच की जा रही थी।

जवाब : सिग्नल से 150 मीटर दूरी पर वाहन चेकिंग हो रही थी, क्योंकि वहां चढ़ान होने के कारण वाहनों की स्पीड कम होती है। वहां सड़क की चौड़ाई 70 फीट रह जाती है। लाइट की भी व्यवस्था है। वाहन चेकिंग के लिए स्थान ठीक है।

5. आरोप संख्या पांच : वाणिज्य कर विभाग के जांच दल ने सुरक्षा एहतियात नहीं बरती, जिससे वारदात हुई।

जवाब : सड़क की चौड़ाई, सुरक्षित निरीक्षण स्थल का चुनाव, सुरक्षा बल के हाथ में एलईडी टॉर्च आदि को ध्यान में रखकर वाहन चेकिंग चल रही थी। सड़क पर कोई अनियंत्रित गाड़ी खड़े व्यक्ति को धक्का मारे, तो इस दुर्घटना के लिए पदाधिकारी को दोषी कहना गलत है।

यह है घटनाक्रम

दो अगस्त 2019 की रात करीब 11:00 बजे खेलगांव चौक के पास वाणिज्य कर विभाग रांची प्रमंडल वाहनों की चेकिंग कर रहा था। चेकिंग के लिए टीम में राज्य के उपायुक्त अन्वेषण ब्यूरो पारिजात मंडल, राज्य कर सहायक आयुक्त प्रेम अरसेन कुजूर, राज्य कर पदाधिकारी शशि कुमार के अलावा विभाग के साथ प्रतिनियुक्त गृह रक्षक शत्रुघ्न सिंह, अजय सिंह, लाला राम, राजेश्वर उपाध्याय व चालक प्रभात कुमार उपस्थित थे। इसी क्रम में एक सियाज मारुति कार तेजी से अनियंत्रित होकर ट्रक के पास खड़े गृह रक्षक शत्रुघ्न सिंह को धक्का मार दिया। इसमें शत्रुघ्न को गंभीर चोटें आईं। उन्हें इलाज के लिए रिम्स ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।

डीजी एमवी राव ने अपने पत्र में जो लिखा था

गृह रक्षा वाहिनी सह अग्निशमन के डीजी एमवी राव ने अपने पत्र में लिखा है कि गृह रक्षा वाहिनी मुख्यालय के समादेष्टा अंबर लकड़ा से पूरे मामले की जांच कराई गई। अंबर लकड़ा ने अपनी जांच रिपोर्ट दी, जिसमें स्पष्ट है कि वाणिज्य कर विभाग के पदाधिकारियों ने बिना एहतियात बरते सुरक्षा मानकों के अनुरूप व नियमानुसार कार्रवाई नहीं की। अनियमित रूप से रात्रि में लगभग 11:00 बजे वाहनों की चेकिंग की जा रही थी, जिस क्रम में यह घटना घटी। इस घटना को टाला जा सकता था।


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