कक्षा एक से आठ तक स्कूल खोलने के लिए विभाग ने तैयार किया प्रस्ताव, अभिभावकों ने कहा- बिना वैक्सीन कैसे भेजें स्कूल
राज्य में कक्षा एक से आठ तक विद्यालय खोलने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
जासं, रांची: राज्य में कक्षा एक से आठ तक विद्यालय खोलने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके लिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के द्वारा प्रस्ताव तैयार करके आपदा प्रबंधन विभाग को भेजा गया है। कोरोना संक्रमण के कारण राज्य में प्राथमिक और मध्य विद्यालय 17 मार्च 2020 से बंद हैं। ऐसे में अगर आपदा प्रबंधन विभाग प्रस्ताव को मान लेता है तो स्कूल खूलने का रास्ता साफ हो जाएगा। मगर इस बीच में अभिभावकों की चिता काफी बढ़ गयी है। अभिभावकों को कहना है कि शुरू से बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को है। ऐसे में बिना बच्चों को वैक्सीन लगाए स्कूल भेजना खतरे से खाली नहीं होगा।
विरोध में उतरा अभिभावक संघ:
झारखंड अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि पहली से आठवीं तक का क्लास खोले जाने का प्रस्ताव आपदा प्रबंधन को देने से पूर्व शिक्षा साक्षरता विभाग झारखंड सरकार को स्कूल प्रबंधन व अभिभावकों से सुझाव लेनी चाहिए थी। साथ ही विभाग को नौवीं से बारहवीं तक के क्लास जो चलाए जा रहे थे इसकी समीक्षा करना जरूरी था। तब वह प्रस्ताव तैयार करते तब वह अभिभावक छात्र एवं स्कूल प्रबंधन के हित में होता।
उन्होंने कहा कि सरकार के पूर्व के आदेश के तहत 9वीं से लेकर 12वीं तक का क्लास स्कूलों ने शुरू किया मगर वहां उपस्थिति 30 प्रतिशत भी नहीं हो पा रही है जो चिता का विषय है। इन परिस्थितियों में छात्र ना आनलाइन क्लास सही तरीके से कर पा रहे ना ही आफलाइन क्लास में वह उपस्थित हो पा रहे हैं। छात्रों का भविष्य दाव पर लगा हुआ है जो काफी गंभीर विषय है।
------------ क्या कहते हैं अभिभावक------------
सरकार को ऐसे फैसले लेने से पहले पूरी तैयारी की समीक्षा करनी जरूरी है। कोई भी अभिभावक अपने बच्चे को कैसे ऐसी स्थिति में स्कूल भेज सकता है। स्कूल में इनकी सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी।
विकास कुमार सिन्हा, अभिभावक
सरकार ने नौवीं से लेकर 12वीं तक की कक्षा खोल दी। मगर अभी भी बच्चे सही से स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं। दूसरा स्कूल खूलने से आनलाइन शिक्षा की व्यवस्था जो लगभग डेढ़ वर्ष में बनकर तैयार हुई वो खराब हो गयी है।
मनोज कुमार, अभिभावक
बड़ों को वैक्सीन लगने के बाद भी कोरोना हो रहा है। ऐसे में बच्चों को बिना वैक्सीन के स्कूल भेजने के बारे में सोचना ही गलत है। आनलाइन क्लास में बच्चे कम से कम सुरक्षित हैं ये बड़ी बात है।
अपूर्वा शर्मा, अभिभावक
वर्तमान परिस्थितियों में सरकार या स्कूल अभिभावकों को वह विश्वास दिला पाने में विफल हैं जिसमें उनके बच्चे स्कूल में सुरक्षित रह पाए । इन परिस्थिति में कोई भी अभिभावक अपने बच्चे की जान को जोखिम में डालकर स्कूल भेजना मुनासिब नहीं समझता है।
सर्वजीत सिंह, अभिभावक
-------------------- प्राचार्यों ने कहा-------------
सरकार स्कूल खोलने से पहले सुरक्षा के गाइडलाइन जारी करेगी। ऐसे में हम उसका सख्ती से पालन करते हुए स्कूल खोलेंगे। अभी भी स्कूल में आने वाले बच्चों के लिए सख्त गाइडलाइन हैं। इसके साथ ही हम अभिभावकों की मर्जी के बिना बच्चों को स्कूल कभी नहीं बुलाएंगे। आनलाइन क्लास पहले की तरह चलते रहेगी।
डॉ मनोहर लाल, प्राचार्य, गुरूनानक स्कूल
9वीं से 12वीं तक के बच्चे बड़े हैं, ऐसे में इनसे कोरोना गाइडलाइन का पालन कराना संभव है। मगर छोटो बच्चों से ऐसी उम्मीद करना बड़ा मुश्किल है। हालांकि अगर सरकार गाइडलाइन जारी करती है तो हम उसका सख्ती से पालन करेंगे। इसके लिए अभिभावकों को अपने बच्चों को भी जागरूक करना होगा।
डॉ अशोक कुमार, प्राचार्य, डीएवी आलोक स्कूल