Jharkhand: 300 वर्ष पुराने दिवड़ी मंदिर की पुरानी कमेटी भंग, प्रशासन की अगुवाई में नई कमेटी गठित
रांची जिले तमाड़ में स्थित करीब 300 वर्ष पुराने दिवड़ी की सोलहभुजी मां दिवड़ी के मंदिर के संचालन के लिए जिला प्रशासन ने नई कमेटी गठित कर दी है। इसमें प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा सांसद व विधायक को शामिल किया गया है। नई कमेटी के गठन के साथ...
रांची (जागरण संवाददाता) । रांची जिले तमाड़ में स्थित करीब 300 वर्ष पुराने दिवड़ी की सोलहभुजी मां दिवड़ी के मंदिर के संचालन के लिए जिला प्रशासन ने नई कमेटी गठित कर दी है। इसमें प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा सांसद व विधायक को शामिल किया गया है। नई कमेटी के गठन के साथ ही मंदिर की चार दान पेटियों पर शुक्रवार को नया ताला लगा दिया गया। कार्रवाई के दौरान पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को मंदिर प्रबंधन का कार्य देखती आ रही महिला समिति की सदस्यों के विरोध का सामना करना पड़ा। स्थानीय ग्रामीण और समिति से जुड़ी महिलाओं ने करीब साढ़े तीन घंटे तक जमकर विरोध किया।
अधिकारियों ने बताया कि मंदिर सरकारी जमीन पर बना है। मंदिर की देखरेख के लिए नई संचालन कमेटी बनाई गई है। अब वही कमेटी इसकी देखरेख करेगी। तमाड़ के पूर्व राजा महेंद्रनाथ शाहदेव के अनुसार, दिवड़ी मंदिर करीब 300 साल पुराना है। स्थानीय लोगों की आस्था मां दिवड़ी से जुड़ी है। शुक्रवार की शाम चार बजे बुंडू डीएसपी अजय कुमार, तमाड़ के बीडीओ राहुल कुमार, सीओ कमल किशोर सिंह और थाना प्रभारी चंद्रशेखर आजाद पुलिस बल के साथ मंदिर पहुंचे। उन्हें देखकर दर्जनों की संख्या में महिलाएं और ग्रामीण जमा हो गए।
वह प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करने लगे। महिलाओं ने मंदिर को ग्रामीणों की संपत्ति बताते हुए प्रशासन को सौंपने से इनकार कर दिया। सीओ ने प्रशासन की देखरेख में ग्रामीणों के साथ मिलकर मंदिर के संचालन का हवाला देकर समझाने का प्रयास किया। ग्रामीण मानने को तैयार नहीं थे। शाम 7.30 बजे अधिकारियों ने दानपेटी पर नई कमेटी का ताला लगा दिया। सीओ ने कहा कि 12 अक्टूबर को बुंडू के एसडीओ उत्कर्ष गुप्ता की अध्यक्षता में मंदिर संचालन को लेकर कमेटी बनी थी। कोटनवरात्रि के दौरान भक्तों को माता के दर्शन मिलेंगे। मंदिर में नई समिति का गठन किया गया है। इसमें सांसद, विधायक के साथ-साथ स्थानीय ग्रामीणों को भी शामिल किया गया है।- उत्कर्ष गुप्ता, एसडीओ, बुंडू।