झारखंड में शिक्षकों की प्रोन्नति में फिर वरीयता का विवाद
परीक्षा प्राप्तांक के आधार पर वरीयता निर्धारण का आदेश
राज्य ब्यूरो, रांची : प्राथमिक शिक्षकों की प्रोन्नति में एक बार फिर वरीयता निर्धारण का विवाद हो गया है। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने बिहार लोक सेवा आयोग तथा झारखंड लोक सेवा आयोग से नियुक्त प्राथमिक शिक्षकों की प्रोन्नति में वरीयता का निर्धारण संबंधित प्रतियोगिता परीक्षा के प्राप्तांक के आधार पर करने का आदेश जिला शिक्षा अधीक्षकों को दिया है। दूसरी तरफ, शिक्षक नियुक्ति तिथि से वरीयता निर्धारण का दावा कर रहे हैं।
दरअसल, झारखंड हाईकोर्ट ने नियुक्ति तिथि से वरीयता का निर्धारित करते हुए प्राथमिक शिक्षकों को प्रोन्नति देने का आदेश दिया है। राज्य सरकार ने इस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जहां सरकार हार गई। इसके बाद राज्य सरकार ने कोर्ट के आदेश के आलोक में दिसंबर 2015 में संकल्प जारी कर शिक्षकों को नियुक्ति तिथि से वरीयता निर्धारित करते हुए प्रोन्नति देने का निर्णय लिया।
इधर, सभी जिलों में चल रही प्रोन्नति प्रक्रिया के क्रम में कुछ जिला शिक्षा अधीक्षकों को वरीयता निर्धारण को लेकर निदेशालय से मार्गदर्शन मांगा गया तो निदेशालय ने एक बैठक की कार्यवाही का आधार बनाते हुए प्राप्तांक के आधार पर वरीयता निर्धारित करने का आदेश दे दिया। इसका विरोध कर रहे शिक्षकों का कहना है कि कैबिनेट के किसी निर्णय को बैठक की कार्यवाही नहीं बदल सकती।
बताया जाता है कि राज्य के आधे जिले में शिक्षकों को नियुक्ति तिथि से वरीयता निर्धारित करते हुए ग्रेड चार में प्रोन्नति दी जा चुकी है। अब नए आदेश से जिला शिक्षा अधीक्षकों के बीच असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। यह भी कहा जा रहा है कि शिक्षकों को प्राप्तांक के आधार पर वरीयता निर्धारित करते हुए प्रोन्नति देने का उल्लेख राज्य सरकार के किसी संकल्प में नहीं है।