रांची डीटीओ की गिरफ्तारी का वारंट लेकर पहुंची दिल्ली पुलिस, हड़कंप
राजधानी रांची के डीटीओ (जिला परिवहन पदाधिकारी) कार्यालय में सोमवार को हड़कंप मच गया। दिल्ली पुलिस एक मामले में डीटीओ को गिरफ्तार करने पहुंची थी।
जागरण संवाददाता, रांची : राजधानी रांची के डीटीओ (जिला परिवहन पदाधिकारी) कार्यालय में सोमवार को हड़कंप मच गया। दिल्ली के पंजाबीबाग पुलिस की टीम गिरफ्तारी वारंट लेकर डीटीओ संजीव कुमार को गिरफ्तार करने पहुंच गई। डीटीओ ही नहीं, कार्यालय के हर कर्मी सकते में आ गए। दिल्ली पुलिस के पहुंचने के बाद डीटीओ ने डीसी व एसएसपी को इसकी सूचना दी। कुछ ही देर में अधिकारियों की ओर से कोतवाली पुलिस को मामले में हस्तक्षेप करने का निर्देश दिया गया। इसके बाद कोतवाली थानेदार श्यामानंद मंडल खुद मौके पर पहुंचे। दिल्ली पुलिस के पदाधिकारियों से बातचीत की। पूरे मामले को जाना। सत्यापन की रिपोर्ट नहीं की थी प्रस्तुत : दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि तीस हजारी कोर्ट में सड़क हादसे का मामला विचाराधीन है। मामले का अभियुक्त कार चालक है जो रांची के डीटीओ कार्यालय से निर्गत लाइसेंस से कार चला रहा था। उसने लाइसेंस कोर्ट में प्रस्तुत किया था। उस लाइसेंस के सत्यापन के लिए रांची डीटीओ को भेजा गया था। सत्यापन की रिपोर्ट कोर्ट को प्रस्तुत नहीं किए जाने पर कोर्ट ने डीटीओ के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया। उसी वारंट को लेकर पुलिस गिरफ्तारी के लिए रांची पहुंची थी। सत्यापन रिपोर्ट भेजा जा चुका था कोर्ट : दिल्ली पुलिस की टीम डीटीओ के इस तर्क पर लौटी कि जिस अवमानना के लिए वारंट निर्गत किया गया है उससे संबंधित सत्यापन रिपोर्ट कोर्ट को भेजी जा चुकी है। डीटीओ ने दिल्ली पुलिस को संबंधित रिपोर्ट की कॉपी भी दिखाई। इसके बाद वारंट कोतवाली पुलिस को तामिला करवा लौट गई। बिना स्थानीय पुलिस सहयोग के पहंच गई डीटीओ कार्यालय :
दिल्ली पुलिस बिना स्थानीय कोतवाली पुलिस से सहयोग लिए ही डीटीओ कार्यालय पहुंच गई। जबकि बाहरी राज्य से आई पुलिस टीम को स्थानीय पुलिस का सहयोग लेना होता है। हालांकि कोतवाली थानेदार को दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया है कि वे सूचना देने के बाद ही डीटीओ कार्यालय पहुंचे थे। लाइसेंस नंबर भेज मांगी गई थी रिपोर्ट : दिल्ली में हादसा के मामले में लाइसेंस नंबर देकर दिल्ली पुलिस ने रांची डीटीओ से सत्यापन कर रिपोर्ट मांगी थी। इसकी रिपोर्ट तैयार कर डीटीओ ने 19 नवंबर को ही भेज दिया था। रिपोर्ट में संबंधित लाइसेंस कुमार मुंडा के नाम से निर्गत होने का जिक्र था।