राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा दीपा की हत्या का मामला, प्रेमी सहित चार युवकों ने दुष्कर्म के बाद ले ली थी जान
Deepa Murder Case Ramgarh Jharkhand News राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष जांच के लिए सौंदा डी दीपा के घर पहुंचे हैं। यहां उन्होंने दीपा के परिजनों व पुलिस से जानकारी ली है। इस हत्या को लेकर यहां के लोगों में आक्रोश है।
भुरकुंडा (रामगढ़), जासं। रामगढ़ जिले के भुरकुंडा ओपी अंतर्गत सौंदा डी में नाबालिग छात्रा दीपा कुमारी की हत्या का मामला अब राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच चुका है। इसी संबंध में शनिवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर भुरकुंडा पहुंचे। अरुण हलदर सबसे पहले सौंदा डी स्थित दीपा कुमारी के घर पहुंचे। यहां उन्होंने दीपा कुमारी के परिजनों से मुलाकात की। उपाध्यक्ष ने परिजनों से घटना की पूरी जानकारी ली। साथ ही पुलिस व समाज के लोगों से भी अलग-अलग जानकारी ली। उपाध्यक्ष अरुण हलदर ने दीपा के भाई से अलग से बात की।
गौरतलब है कि पिछले माह दीपा कुमारी का शव फांसी के फंदे से लटका हुआ सीसीएल के बंद क्वार्टर से पुलिस ने बरामद किया था। इस संबंध में दीपा के भाई ने चार युवकों पर दीपा का अपहरण के बाद दुष्कर्म कर हत्या करने का मामला दर्ज कराया था। भुरकुंडा पुलिस ने मामला दर्ज कर चार युवकों क्रमश: हेमराज, सोनू, ताहिर व चंद्रदेव को जेल भेजा था। जबकि एक दिन बाद उनके साथी भरत कुमार को जेल भेजा गया था। पुलिस आगे भी मामले के अनुसंधान में जुटी है। बताते चलें कि दीपा को न्याय दिलाने को लेकर सामाजिक गठनों, समाजसेवियों, सहित विभिन्न दलों द्वारा कई दिनों तक कैंडल मार्च व विरोध प्रदर्शन किया गया था।
एसपी से एक घंटे तक ली जानकारी
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर ने सौंदा डी में दीपा के परिजनों से मुलाकात के बाद सयाल रेस्ट हाउस में रामगढ़ एसपी प्रभात कुमार व स्थानीय पुलिस से घटना की पूरी जानकारी ली। कांड में कौन-कौन एक्ट लगाए गए हैं, इस बाबत भी जानकारी ली। करीब एक घंटे तक बात करने के बाद कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
पुलिस की कार्यशैली पर उठाए सवाल
सौंदा डी में परिजनों से मुलाकात के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने कांड में पीओ एक्ट नहीं लगाया था। इसके कारण परिजनों को अबतक उचित मुआवजा नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि इस एक्ट के लगने से परिजनों को आठ लाख 25 हजार नकद सहित कई सुविधा मिलती। उन्होंने कहा कि जब पुलिस को यह जानकारी मिली कि मैं जांच के लिए आ रहा हूं, तब आनन-फानन में पुलिस ने एक दिन पूर्व यह एक्ट लगाया है।
उन्होंने बताया कि इस एक्ट के लगने के बाद केस का अनुसंधान डीएसपी स्तर के अधिकारी करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे मामले पर परिजनों व समाज के लोगों का अलग-अलग बयान है। परिजनों व समाज के लोगों ने आयोग को लिखित शिकायत दी है कि नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म व हत्या हुई है। जबकि पुलिस कुछ और कह रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी प्रस्तुत नहीं की है। उन्होंने कहा कि मैंने पुलिस से पोस्टमार्टम रिपोर्ट तत्काल आयोग को उपलब्ध कराने के लिए कहा है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का परीक्षण राष्ट्रीय स्तर पर विशेषज्ञों द्वारा कराया जाएगा। उसके बाद पूरे मामले का खुलासा होगा। उन्होंने कहा कि दीपा की मौत मामले में अब निष्पक्ष जांच होगी। इस संबंध में राज्य सरकार से भी बात होगी। किसी भी हाल में परिवार को इंसाफ दिलाया जाएगा। हर हाल में अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। कहा कि कमीशन पूरी गंभीरता के साथ पूरे मामले की जांच कराएगी। साथ ही फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चला कर पीड़ित को न्याय दिलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरे भारत में अगर कहीं भी एससी-एसटी के साथ गलत होता है, तो उसके लिए आयोग सजग है।