पूर्व मंत्री बंधु तिर्की की जमानत पर फैसला सुरक्षित, पत्थलगड़ी समर्थकों को भड़काने का है आरोप
Jharkhand. बंधु तिर्की ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है। दोनों पक्षों की बहस पूरी करने के बाद जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट में पत्थलगड़ी समर्थकों को भड़काने के आरोपित पूर्व मंत्री बंधु तिर्की की जमानत पर गुरुवार को सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की बहस पूरी करने के बाद जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। बंधु तिर्की पर पत्थलगड़ी आंदोलन को समर्थन देने का आरोप है। इस मामले में उनकी ओर से जमानत याचिका दाखिल की गई है।
सुनवाई के दौरान बंधु तिर्की की ओर से अदालत को बताया गया कि इस मामले में उनके खिलाफ कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं है। उन्होंने कोई उत्तेजक या भड़काऊ बयान नहीं दिया है। राजनीतिक साजिश के तहत इस मामले में उन्हें फंसाया गया है। सरकार की ओर से इनकी जमानत का विरोध किया गया। कहा गया कि पत्थलगड़ी होने की वजह से कानून व्यवस्था को लेकर संकट पैदा हो गया था।
ऐसे में इनके द्वारा प्रेसवार्ता कर उनके समर्थन में बयान दिया गया। इसके अलावा इन्होंने काली गाय की हत्या करने की भी धमकी दी थी, जो राज्य और देश के हित में नहीं है। इसका साक्ष्य भी सरकार के पास है। इसी आधार पर ही उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है। इसलिए जमानत नहीं दी जाए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया। वहीं, बुधवार को राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले में भी सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।