Lockdown Update: कोरोना से ज्यादा टेंशन से हो रही मौत, लॉकडाउन के 19 दिन में 17 ने लगा ली फांसी
Lockdown Effect. रांची में कोरोना से एक जबकि पूरे राज्य में दो लोगों की जान गई है। दूसरी ओर एक जनवरी से 22 मार्च के बीच 28 लोगों ने फांसी लगाई है।
रांची, [दिलीप कुमार]। Side Effects of Lockdown रांची में कोरोना से ज्यादा तनाव जान ले रही है। तनाव की वजह कुछ भी हो सकती है, लेकिन मौजूदा आंकड़ों पर गौर करें तो लॉकडाउन के बाद आत्महत्या करने वालों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। 23 मार्च से 10 अप्रैल तक की लॉकडाउन की कुल 19 दिनों की अवधि में 17 लोगों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इससे इतर एक जनवरी से 22 मार्च तक की 82 दिनों की अवधि में 28 लोगों ने फांसी लगाकर खुदकशी की है।
बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार के क्वारंटाइन वार्ड में पत्नी की हत्या के आरोपित छोटू तिवारी ने आठ अप्रैल को फांसी लगाकर खुदकशी कर ली थी। उसने 27 मार्च को अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी। इसी तरह रांची के बुढ़मू प्रखंड के ठाकुरगांव में नौ अप्रैल को पारिवारिक कलह में दिनेश महतो ने फांसी लगा ली थी। घटना के वक्त घर के सभी सदस्य खेत पर गए थे और वह घर में अकेले था।
एक अन्य घटना में कोकर के आदर्श नगर में पत्नी से विवाद होने के बाद तारा पासवान नामक युवक ने चार अप्रैल को फांसी लगाकर खुदकशी कर ली। इसी तरह धुर्वा के तुपुदाना के हरदाग स्थित आवास में दुग्गी कुमारी ने 30 मार्च को फांसी लगाकर खुदकशी कर ली थी। उसके तनाव का कारण स्पष्ट नहीं हो सका था। परिजन के अनुसार वह डोरंडा में कहीं मजदूरी करती थी। लॉकडाउन लगने के बाद उसका काम छूट गया था।
केस स्टडी
- केस एक : बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार के क्वारंटाइन वार्ड में पत्नी की हत्या के आरोपित छोटू तिवारी ने आठ अप्रैल को फांसी लगाकर खुदकशी कर ली थी। उसने 27 मार्च काे अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी। पंडरा पुलिस ने 28 मार्च को उसे होटवार जेल भेजा था, जहां उसे क्वारंटाइन वार्ड में रखा गया था।
- केस दो : रांची के बुढ़मू प्रखंड के ठाकुरगांव में नौ अप्रैल को पारिवारिक कलह में दिनेश महताे ने फांसी लगाकर खुदकशी कर ली। घटना के वक्त घर के सभी सदस्य खेत पर गए थे और वह घर में अकेले था। पुलिस पारिवारिक कलह के कारणों को तलाश रही है।
- केस तीन : कोकर के आदर्श नगर में पत्नी से झगड़े के बाद तारा पासवान नामक युवक ने चार अप्रैल को फांसी लगाकर खुदकशी कर ली। पत्नी से किस बात को लेकर झगड़ा हुआ, सदर थाने की पुलिस इसकी जांच कर रही है।
- केस चार : धुर्वा के तुपुदाना के हरदाग स्थित आवास में दुग्गी कुमारी ने 30 मार्च को फांसी लगाकर खुदकशी कर ली थी। उसके तनाव का कारण स्पष्ट नहीं हो सका था। परिजन के अनुसार वह डोरंडा में कहीं मजदूरी करती थी। लॉकडाउन लगने के बाद उसका काम छूट गया था।
कब किसने लगाई फांसी
- 23 मार्च : छाेटू तांती (उरांव टाेली, बुंडू), मुन्ना कुमार (महादेव नगर, भरमटोली बरियातू)।
- 28 मार्च : गुरुवा उर्फ गुरुचरण अहीर (बड़ककोला, बुंडू)।
- 29 मार्च : सीमा देवी (पति जगेंद्र बड़ाईक, पेडेग चावली, सोनाहातू)।
- 31 मार्च : दुग्गी कुमारी (पिता सुदर्शन नायक, हरदाग, धुर्वा तुपुदाना), बिखिया उराईन (पति शांता उरांव, मेलानी, चान्हो)।
- 02 अप्रैल : छोटू कुजूर (डोरिया टोली, नगड़ी), पप्पू कुमार सिंह (न्यू किशोरगंज, रोड नंबर, रोड नंबर आठ, अरगोड़ा)।
- 03 अप्रैल : रमनी देवी (पति उपेंद्र मुंडा, हुआंगहातु, सोनाहातू)।
- 05 अप्रैल : अमित सिंह (संजय गांधी मेमोरियल कॉलेज गेट, अनुज तिवारी के किराएदार, पंडरा), तारा पासवान उर्फ चरका (डंगरा टोली, बीच बाजार, लोअर बाजार, कोकर के आदर्श नगर में किराए पर रहने वाले), सुनीता तिर्की (पति गोविंद तिर्की, हड़सो बस्ती, धुर्वा), कामेश्वर बेदिया (बरवदाग, अनगड़ा)।
- 08 अप्रैल : सुफया खातुन (पति शाहिद अंसारी, हुसीर, कांके), दीपक कुमार चौरसिया (श्रीनगर, रोड नंबर तीन, सुखदेवनगर), छोटू तिवारी (पतराटोली, नगड़ी, बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार)।
- 10 अप्रैल : दिनेश महतो (ठाकुरगांव)।