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झारखंड में महफूज नहीं बेटियां, गुड्डों से खेलने की उम्र में हुई हैवानियत; 500 से ज्‍यादा का जीवन तबाह

Jharkhand Misdeed Case झारखंड में बेटियों के माता-पिता में दिन-प्रतिदिन असुरक्षा की भावना बढ़ती जा रही है। सुरक्षा का आलम यह है कि राजधानी में पुलिस मुख्यालय से महज एक किलोमीटर की दूरी पर 12 साल की छात्रा से दरिंदगी हुई है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 07:41 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 07:46 PM (IST)
झारखंड में महफूज नहीं बेटियां, गुड्डों से खेलने की उम्र में हुई हैवानियत; 500 से ज्‍यादा का जीवन तबाह
पुलिस आरोपियों को सजा दिलाने में नाकाम नजर आ रही है।

रांची, राज्य ब्यूरो। गुड्डों से खेलने की उम्र में बच्चियां हैवानियत का शिकार हो रही हैं। कथित अबुआ राज में झारखंड में पिछले 11 महीने में 500 से अधिक नाबालिग बच्चियों की अस्मत लूटी गई है। झारखंड पुलिस के ये आंकड़े बता रहे हैं कि कैसे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था तार-तार हो चुकी है। जिस परिवार में बच्चियां हैं, वह परिवार अपनी बेटियों को घर से बाहर भेजने में हिचक रहा है। अगर बेटी स्कूल, कॉलेज, ट्यूशन या दफ्तर के लिए निकलती है तो जब तक वह वापस अपने घर समय से नहीं आ जाती, तब तक उसके परिजन सशंकित रहते हैं।

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नाबालियों से जो घटनाएं हुई हैं, उनमें कुछ घटनाओं में दरिंदा पकड़ा गया तो कई ऐसे मामले हैं, जिनमें दरिंदे की तलाश अभी जारी है। राजधानी रांची के एक ही मामले से यह समझा जा सकता है कि यहां की पुलिसिंग व विधि-व्यवस्था का स्तर क्या है। पुलिस मुख्यालय व झारखंड मंत्रालय से महज डेढ़ से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित हटिया रेलवे स्टेशन के पास 12 साल की एक नाबालिग बच्ची से तीन दरिंदों ने रातभर दरिंदगी की। वहशी उसे तब तक नोचते रहे, जब तक कि वह बेहोश न हो गई।

बच्ची के बेहोश होते ही तीनों दरिंदे फरार हो गए। सुबह होने पर जब उसे होश आया तो वह किसी तरह घर पहुंची और स्वजन को इसकी सूचना दी। तब मामला थाने पहुंचा। इसी तरह जमशेदपुर का एक पिता अपनी बेटी का चेहरा देखता है तो भीतर ही भीतर घुटने लगता है कि बेटी के दरिंदों को अब तक सजा नहीं हो सकी। गत वर्ष ही 11 अगस्त को उनकी बेटी के साथ जमशेदपुर के थीम पार्क से सटे जंगल में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इस घटना में अब तक पांच आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, लेकिन फास्ट ट्रायल कर उन्हें सजा दिला पाने में पुलिस नाकाम रही है।

सात बच्चियों की जान ले चुके हैं दरिंदे

जिन बच्चियों से दुष्कर्म हुआ है उनमें से सात को दरिंदों ने मौत के घाट भी उतार दिया। दुमका में एक बच्ची ट्यूशन से घर लौट रही थी, तब उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद दरिंदों ने उसकी हत्या कर दी थी। साहिबगंज में सहेली के साथ निकली एक नाबालिग बच्ची के साथ दरिंदों ने पहले सामूहिक दुष्कर्म किया और उसके बाद उसकी हत्या कर शव को बच्ची के घर के पास छोड़ कर भाग गए।

किस जिले में कितनी नाबालिग बनी दरिंदगी का शिकार

रांची : 63

खूंटी : 17

जमशेदपुर : 18

चाईबासा : 29

सरायकेला : 0

लोहरदगा : 27

गुमला : 41

सिमडेगा : 10

धनबाद : 1

बोकारो : 1

हजारीबाग : 18

कोडरमा : 13

रामगढ़ : 0

जामताड़ा : 6

साहिबगंज : 16

पलामू : 22

गढ़वा : 43

चतरा : 0

गिरिडीह : 29

दुमका : 0

देवघर : 18

गोड्डा : 26

पाकुड़ : 9

लातेहार : 25

रेल धनबाद : 0

रेल जमशेदपुर : 1

कुल : 433

(नोट : यह आंकड़ा जनवरी 2020 से सितंबर 2020 तक का है)।


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