Dainik Jagran Impact: RIMS के डॉक्टरों द्वारा लिखे पुर्जों की होगी नियमित जांच
Ranchi. रिम्स के डॉक्टरों द्वारा मरीजों को लिखे जाने वाले पुर्जों की ऑडिट के रूप में नियमित जांच की जाएगी। स्वास्थ्य सचिव ने इसका सख्त निर्देश रिम्स निदेशक को दिया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के डॉक्टरों द्वारा मरीजों को लिखे जाने वाले पुर्जों की ऑडिट के रूप में नियमित जांच की जाएगी। स्वास्थ्य सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने इसका सख्त निर्देश रिम्स निदेशक को दिया है। रिम्स के डॉक्टरों द्वारा अनावश्यक और खास दुकानों में मिलने वाली दवा लिखे जाने पर रोक लगाने के लिए यह निर्देश दिया है।
उन्होंने रिम्स के डॉक्टरों द्वारा खास दुकानों से दवा मंगाने के 'दैनिक जागरण की खबर पर संज्ञान लेते हुए सात दिनों के भीतर रिपोर्ट भी तलब की है। मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी 'दैनिक जागरण में सात जून को इस आशय की खबर छपने के बाद उस पर संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया था। इसके बाद स्वास्थ्य सचिव ने रिम्स निदेशक को पत्र भेज कर इस पर रिपोर्ट तलब की।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि 31 मई को हुई बैठक में प्रत्येक विभाग द्वारा अनिवार्य दवाओं की सूची तैयार करने तथा उन दवाओं को क्रय करने का निर्देश दिया गया था। स्वास्थ्य सचिव ने रिम्स निदेशक को भेजे गए पत्र में कहा है कि इस पर रिम्स प्रशासन शीघ्र निर्णय ले ताकि मरीजों को कठिनाई का सामना नहीं करना पड़े। साथ ही डॉक्टरों द्वारा लिखे जा रहे पुर्जे भी नमूने के तौर पर नियमित जांच की जाए।
एमजीएम में नवजात के बेचे जाने पर रिपोर्ट तलब
स्वास्थ्य सचिव ने जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल सह कॉलेज में नवजात को बेचे जाने पर भी अधीक्षक से तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट तलब किया है। बता दें कि एमजीएम अस्पताल में एक बच्चे को जन्म देने के बाद बेचने का मामला प्रकाश में आया है। रेलवे स्टेशन के पास रहकर अपना जीवन यापन करने वाली अलीशा बानरा ने मंगलवार सुबह एमजीएम अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दिया था। आरोप है कि जन्म देने के बाद ही बच्ची को भालूबासा की रहने वाली महिला किरण देवी को बेच दिया।
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