जिंदगी को रुमानी बना रहा झारखंड का सोहराई, देश-विदेश में हो रही इस खास पेंटिंग की डिमांड
Sohrai Painting Jharkhand सोहराई कला में आदिवासी जीवन और जंगल का तालमेल नजर आता है। यह इन दिनों स्टेटस सिंबल बनता जा रहा है।
रांची, [जागरण स्पेशल]। Sohrai Painting Jharkhand आदिवासी कला जीवंत कला है। एक दशक पहले सोहराई जैसी चित्रकारी कला को लोग भूलते जा रहे थे। मगर आज ये हमारे शहर का स्टेटस सिंबल बनता जा रहा है। लोग अपने घरों को बाहर से और बेडरूम -ड्राइंग रूम को सजाने के लिए ऐसी पेंटिंग आजमा रहे हैं। सोहराई कला में आदिवासी जीवन और जंगल का तालमेल नजर आता है। पहले आदिवासी समाज में सोहराई पेंटिंग दीवाली पर घरों को सजाने के लिए बनाई जाती थी। मगर अब लाइफस्टाइल का पार्ट हो गया है। रांची में सोहराई को बढ़ावा देने वाली जयश्री इंदवार बताती हैं। सोहराई ने कड़ी मेहनत के बाद बाजार में वापसी की है। अब ये समुदाय विशेष का नहीं आमलोगों तक पहुंच चुका है।
घरों को देता है लाइव लुक
सोहराई पिछले कुछ साल में लोगों तक अपनी पहुंच बना चुका है। जयश्री बताती हैं कि उनके पास कई लोग आते हैं जो कहते हैं वो अपने घर और कमरों को लाइव लुक देना चाहते हैं। इसमें केवल आदिवासी समाज के लोग नहीं होते, बल्कि समाज के हर वर्ग के लोग होते हैं। कई लोग अपनी बिल्डिंग के पार्किंग को खूबसूरत लुक देना चाहते हैं। सोहराई में जीवों की तस्वीर बनाई जाती है। वास्तु के मुताबिक इसका भी जीवन पर बड़ा सकारात्मक असर पड़ता है।
कलाकारों को मिल रहा है काम
कुछ साल पहले सोहराई कला के जानकार राज्य में काफी कम लोग ही बचे थे। इसका सबसे बड़ा कारण से था कि कलाकारों के पास आजीविका की संकट होता था। मगर अब हालत में कुछ सुधार हुआ है। कलाकारों को अच्छा काम मिल रहा है। जयश्री ने बताया कि स्तंभ नाम का उनका एक एनजीओ है जिससे सैकड़ों महिलाएं जुड़कर सोहराई के माध्यम से अपना घर चला रही हैं। इसके साथ ही सोहराई के प्रति लोगों के प्रेम के कारण कई पेंटिंग स्कूलों में ये सिखाई जा रही है।
सरकार से मिल रहा है बढ़ावा
जयश्री ने बताया कि पिछले कुछ साल में सरकार के द्वारा सोहराई कला को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े कदम उठाये गए हैं। रांची, चक्रधरपूर जोन और आसपास के कई स्टेशनों पर सोहराई पेंटिंग बनाई जा रही है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय को भी सोहराई से सजाकर लोगों में जागरुकता बढ़ाई गई है। इसके साथ ही कुछ दिनों पहले नये रूप से बनकर तैयार हुए करम टोली तालाब के किनारे भी सोहराई स्तंभ संस्थान से जुड़े हुए कलाकारों ने पेंटिंग बनाई है।